प्रदेश की बात की जाए तो किसी भी राजकीय महाविद्यालय या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष का पद सृजित नहीं है, जो प्रदेश में एक बानगी के रूप में गंगापुरसिटी पीजी महाविद्यालय में है। छोटे कॉलेजों में भी लाब्रेरियन का पद सरकार की ओर से सृजित किया गया है, जबकि यहां अब तक सहायक लाइब्रेरियन का पद ही कागजों में दौड़ रहा है। दिलचस्प तथ्य यह है कि पूरे प्रदेश में सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष का पद नहीं होने के कारण यहां असिस्टेंट लाइब्रेरियन नहीं भेजा जा रहा।
इस मामले में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रामकेश मीना का कहना है कि सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष का पद सृजित नही होने के कारण पुस्तकालय संचालन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कार्य व्यवस्था के लिए व्याख्याता को चार्ज दे रखा है। इस बारे में उच्चाधिकारियों से मिल कर स्थाई समाधान की मांंग की जाएगी।
वहीं छात्रसंघ उपाध्यक्ष राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय आशाराम गुर्जर का कहना है कि रिक्त पद के चलते विद्यार्थियों को पुस्तकालय का समुचित लाभ नही मिल पा रहा है। पुस्तकें पुस्तकालय रखी हुई धूल खा रही है। इसके बारे में कॉलेज प्रशासन को अवगत कराया जाएगा। उचित समाधान नही होने पर एसडीम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।