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नियमों का झमेला, ताले में बंद ज्ञान का भंडार

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 17, 2018 05:50:59 pm

Submitted by:

Rajeev

गंगापुरसिटी . सरकारी नियमों के ताम-झाम के चलते ज्ञान का भंडार कई वर्षों से ताले में बंद है। कायदों का झमेला भी ऐसा है कि इस ‘भंडार’ का ताला लगाकर चाबी दरिया में फेंक दी हो। ऐसे में महान लेखकों का ज्ञान एक कमरे में बंद होकर रह गया है। हम बात कर रहे हैं राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की, जो कई वर्षों से लाइब्रेरियन की बाट जोह रहा है।

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नियमों का झमेला, ताले में बंद ज्ञान का भंडार

गंगापुरसिटी . सरकारी नियमों के ताम-झाम के चलते ज्ञान का भंडार कई वर्षों से ताले में बंद है। कायदों का झमेला भी ऐसा है कि इस ‘भंडार’ का ताला लगाकर चाबी दरिया में फेंक दी हो। ऐसे में महान लेखकों का ज्ञान एक कमरे में बंद होकर रह गया है। हम बात कर रहे हैं राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की, जो कई वर्षों से लाइब्रेरियन की बाट जोह रहा है।

प्रदेश की बात की जाए तो किसी भी राजकीय महाविद्यालय या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष का पद सृजित नहीं है, जो प्रदेश में एक बानगी के रूप में गंगापुरसिटी पीजी महाविद्यालय में है। छोटे कॉलेजों में भी लाब्रेरियन का पद सरकार की ओर से सृजित किया गया है, जबकि यहां अब तक सहायक लाइब्रेरियन का पद ही कागजों में दौड़ रहा है। दिलचस्प तथ्य यह है कि पूरे प्रदेश में सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष का पद नहीं होने के कारण यहां असिस्टेंट लाइब्रेरियन नहीं भेजा जा रहा।
यदि यहां लाइब्रेरियन का पद सृजित किया जाए तो यहां लाइब्रेरियन लगाया जा सकता है, लेकिन कायदे-कानून यहां पुस्तकालय अध्यक्ष लगने में रोड़ा अटका रहे हैं। इस झमेले के चलते यहां कई वर्षों से लाइब्रेरियन का पद रिक्त पड़ा हुआ है। ऐसे में विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। खास बात यह है कि लाइब्रेरियन नहीं होने के कारण लाइब्रेरी में पड़ी पुस्तकें धूल फांक रही हैं।
लाइब्रेरियन नहीं होने के कारण ज्ञान के इस भंडार का विद्यार्थियों को कतई लाभ नहीं मिल पा रहा है। छात्रों का कहना है कि इस संबंध में कई बार कॉलेज प्रशासन को कहा गया है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है। इससे विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस मामले में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रामकेश मीना का कहना है कि सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष का पद सृजित नही होने के कारण पुस्तकालय संचालन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कार्य व्यवस्था के लिए व्याख्याता को चार्ज दे रखा है। इस बारे में उच्चाधिकारियों से मिल कर स्थाई समाधान की मांंग की जाएगी।

वहीं छात्रसंघ उपाध्यक्ष राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय आशाराम गुर्जर का कहना है कि रिक्त पद के चलते विद्यार्थियों को पुस्तकालय का समुचित लाभ नही मिल पा रहा है। पुस्तकें पुस्तकालय रखी हुई धूल खा रही है। इसके बारे में कॉलेज प्रशासन को अवगत कराया जाएगा। उचित समाधान नही होने पर एसडीम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।
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