पार्षद ने कहा कि रास्ता खराब होने के कारण लोग नमाज पढऩे तक नहीं जा पा रहे। वार्डों में काम नहीं होने की नाराजगी पार्षद वीरेन्द्र, गंगासहाय एवं हेमराज ने भी जाहिर की और पार्षद शहीद के साथ जमीन पर बैठे। सांसद ने दो दिन में समस्या समाधान का आश्वासन दिया। इसके बाद पार्षद वहां से खड़े हुए। पार्षद शैलेन्द्र मीणा ने कहा कि वार्षिक टेंडरों की समीक्षा होनी चाहिए। लोकेश मीणा ने कहा कि मेला स्थल को एलएंडटी ने गंदा किया है। ऐसे में वहां एलएंडटी वाले ही सफाई कराएं। पार्षद वेदप्रकाश ने आवारा जानवर एवं एलएंडटी कंपनी की लापरवाही को लेकर सवाल उठाए। सभापति ने परिषद की ओर से गोशाला अनुदान देने की बात कही। इस पर सभी ने इसे पारित किया।
लाइटों की रोशनी, घोटाले का अंधेरा
शहर को रोशन करने के लिए आईं एलईडी लाइट बोर्ड की बैठक में घोटाले के आरोपों से घिरी रहीं। पार्षद मुमताज अहमद ने कहा कि यह लाइट छह माह से गोदाम में रखी हैं। इसका टेंडर भी जयपुर ग्रामीण में निकला। अहमद ने आरोप लगाया कि लाइट लगाने का ठेका तत्कालीन अधिकारी के शुभचिंतक के पास है। इस पर आयुक्त दीपक चौहान ने जवाब दिया कि छोटी लाइट 4850 एवं बड़ी लाइट की खरीद 9975 रुपए प्रति नग की गई है। आयुक्त ने कहा कि इसका करीब 40 लाख का भुगतान हो चुका है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन हुई थी। लाइटों की खरीद राज्य सरकार के स्तर पर हुई। पार्षद ने रेट एप्रूव्ड करने वालों के खिलाफ एफआईआर कराने की मांग उठाई। इसके अलावा फाउंटेन मरम्मत नहीं होने, शहर से पोस्टर-बैनर नहीं हटने, संविदा पर तैनात एक जने के ही तीन-चार जगह काम करने, डंपिंग यार्ड में फर्जी तरीके से परिषद की जेसीबी चलने आदि के आरोप लगाए। पार्षद ने यहां तक कहा कि अब अन्याय नहीं देखा जा रहा, कहो तो इस्तीफा दे दूं। इसके बाद सांसद जौनापुरिया ने कहा कि आयुक्त ने भरोसा दिलाया है। जरूरत पड़ी तो एफआईआर भी कराएंगे।
गंदे पानी पर बिफरीं पार्षद
पार्षद मीरा देवी महावर ने कहा कि शहर में हर जगह गंदा पानी आ रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। महावर ने कहा कि गंदे पानी से लोग बीमार हो रहे हैं। पार्षद लोकेश ने बोर्ड बैठक में गंदा पानी दिखाया। पार्षद महावर ने कह कि सफाई व्यवस्था बदहाल है। बैठक में मौजूद जलदाय विभाग के एईएन ने व्यवस्था में सुधार करने की बात कही। साथ ही स्टाफ का टोटा बताया।
मेले पर खर्च होंगे 5 लाख
सभा में दशहरा मेले के आयोजन पर चर्चा हुई। इसके बाद इस पर 5 लाख रुपए खर्च करने को बोर्ड ने मंजूरी दी। साथ ही अन्य व्यवस्थाएं बेहतर करने की बात कही। कई पार्षदों ने इसे विस्तृत रूप देते हुए कवि सम्मेलन आदि कराने को कहा। पार्षदों ने इसकी राशि बढ़ाने की भी बात कही।
पार्षद चाय पीने बुलाएं हैं क्या? पार्षदों के सवाल उठाने पर अधिकारियों ने फाइल मंगाने की बात कही। साथ ही आयुक्त ने नई ज्वाइनिंग की बात कही। इस पर सांसद ने कहा कि पार्षद तो सवाल उठाएंगे ही। पिछली मीटिंग की सारी तैयारी करके लानी होगी। इसके लिए उन्होंने सभापति से भी जवाब देने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि आयुक्त अभी आए हैं तो क्या हुआ, सभापति तो चार साल से यही हैं। उन्होंने पिछली मीटिंग में उठाए गए मुद्दों की तैयारी पहले से ही करके लाने की बात कही।
चतुर्थ श्रेणी अतिक्रमण प्रभारी क्यों? पार्षद गीतादेवी नरूका ने कहा कि परिषद ने एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अतिक्रमण दस्ता प्रभारी बना रखा है, जो सायरन बजाते हुए व्यापारियों को धमकाता है और विरोध करने पर प्राथमिकी दर्ज कराता है। इससे व्यापारियों में नगरपरिषद के खिलाफ असंतोष पनप रहा है। साथ ही परिषद की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। नरूका ने कहा कि खाकी पहने गार्डों पर व्यापारियों को धमकाने के लिए परिषद लाखों रुपए खर्च कर रही है। इन्हें तुरंत हटाया जाए। उन्होंने कहा कि हम भले ही विभिन्न दलों से हों, लेकिन मैं कांग्रेस की होने के बाद भी धारा 370 खत्म करने पर पीएम मोदी के साथ हूं। अच्छे काम के लिए सभी को एक होना चाहिए। उपसभापति दीपक सिंघल ने अतिक्रमण प्रभारी को हटाने की बात कही। सिंघल ने कहा कि व्यापारी पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सांसद ने कर्मचारियों को हटाने की बात कहते हुए एईएन के साथ दूसरा कार्मिक लगाने को कहा।