कृषि विभाग ने इस बार जिले में दो लाख 81 हजार हैक्टेर क्षेत्र में रबी फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है। इस बार जिले में एक लाख 70 हजार हैक्टेयर में सर्वाधिक सरसों फसल की बुवाई होगी। इसके बाद 75 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है।
भले ही सरसों, चना और धनिया की बुवाई देरी से होगी, लेकिन खेतों में नमी होने से गेहूं की फसल को फायदा मिलेगा। गेहूं की फसल में तीन से चार बार के बजाय इस बार दो से तीन बार ही पानी देना पड़ेगा।
जिले में गत मानसूनी सीजन में सवाईमाधोपुर, खण्डार, बौंली व चौथकाबरवाड़ा ब्लॉक के गांवों में करीब 70 प्रतिशत से अधिक खरीफ फसलों में नुकसान हुआ है। ऐसे में इन दिनों खण्डार के दौतलपुरा, सोनकच्छ, खिरकड़ी, सवाईमाधोपुर के सुनारी, बंधा, भवगतढ़, बौंली में बिलोली, कोथाली, मकसुदनपुरा आदि गांवों में कई खेतों पानी भरा होने से किसान रबी फसल की बुवाई नहीं कर पा रहे है। किसानों का कहना है कि अभी बुवाई करते हैं तो बीज खराब हो जाएगा। जब तक नमी खत्म नहीं होगी बीज अंकुरित नहीं होगा।
गेहूं 75 हजार
जौ 1 हजार
चना 25 हजार
अन्य रबी दाले 1000
सरसों 1 लाख 70 हजार
अन्य रबी तिलहन 4 हजार
धनिया 500
मैथी 500
हरा चारा 3000
अन्य 1000
कुल अन्य फसले 5000
कुल योग 2 लाख 81 हजार
– सरसों बुवाई 15 अक्टूबर तक होती है। 30 डिग्री तापमान रहता है, जो उचित होता है। कुछ स्थानों पर खेतों में पानी भरा होने से किसान सरसों की बुवाई नहीं हो पा रही है, पर गेहूं के लिए बेहतर नमी मिलेगी।
बृजेश मीना, कृषि अधिकारी, पौध संरक्षण, सवाईमाधोपुर