पिछले दिनों तेज बारिश से जिले के लहसोड़ा, खिरखड़ी, आवंड़, भैरूपुरा, सवाईगंज, अजीतपुरा, डागरवड़ा, बदलगंज, कलाकच, सेवती, दुमोदा, खेड़ी, फलौदी में फसले खराब हुई हैं। इसके अलावा बौंली ब्लॉक में घाटा नैनवाड़ी, गोतोड़, दतुली, कुशलपुरा, धीरौली, सवाई माधोपुर क्षेत्र में बंदा, सुनारी, मऊ, सिनोली, दोबाड़ा गांवों में फसले खराब हो गईं हैं।
खण्डार क्षेत्र में चम्बल नदी व बनास नदी के किनारे बसे दर्जनों गांवों में पानी के बहाव व बारिश से फसले चौपट हुई हैं। यहां अब तक कृषि अधिकारी, फसलों की रिपोर्ट तैयार करने में ढिलाई बरते रहे हैं।
धीरोली के ग्रामीणों ने मंगलवार को जलमग्न हुई फसलों को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि चम्बल नदी में तेज पानी के बहाव एवं गत दिनों हुई बारिश से बाजरा, तिल उड़द एवं सोयाबीन की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। किसानों ने बताया कि कर्जा लेकर फसले की बुवाई की थी। गिरदावर-पटवारी व कृषि विभाग की ओर से खराबे का सर्वे नहीं कराने से किसानों में रोष बना है। किसानों ने कलक्टर से सरकारी सहायता व मुआवजा दिलाने की मांग की। ज्ञापन सौंपते समय रामराज, वकील गुर्जर, देवीशंकर, कैलाशसिंह, रामस्वरूप व रामराज आदि मौजूद थे।
उड़द, मूंग, बाजरा, सोयाबीन, तिल व सब्जियों में नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन, कृषि अधिकारी, पटवारी को कई बार अवगत कराया, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। मुआवजा नहीं मिलने पर आंदोलन किया जाएगा।
लटूर सिंह गुर्जर, जिलाध्यक्ष, किसान संघ, सवाईमाधोपुर
– चौथकाबरवाड़ा व खण्डार क्षेत्र में 80 प्रतिशत फसलों में नुकसान हुआ है। कृषि पर्यवेक्षक व सुपरवाईजर सर्वे की कार्रवाई कर रहे है। 30 सितम्बर तक क्रॉप कटिंग कर रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद कपंनी को रिपोर्ट भेजी जाएगी। केसीसी वाले किसान खराबे की सूचना कृषि विभाग कार्यालय या टोल फ्री पर सूचना दे सकते हैं।