यू घटी खपत
निगम सूत्रों के अनुसार अप्रेल से जून माह तक तक बिजली खपत में लगातार बढ़ोतरी होती रही। बाद में सर्दी के मौसम शुरू होने पर खपत में गिरावट शुरू हो गई। जानकारी के अनुसार अप्रेल माह में 8०.47 लाख यूनिट की खपत हुई थी। मई में खपत का आंकडा 98.14 लाख यूनिट तक पहुंच गया।
जून माह में तो खपत 1०० लाख यूनिट को पार कर गई। जुलाई में 94.62 लाख यूनिट बिजली खर्च हुई। अगस्त माह में 88.68 और सितम्बर माह में 83.53 लाख यूनिट की खपत हुई। सर्दी का दौर शुरू होने पर अक्टूबर माह में खपत घट कर 65.14 लाख यूनिट रह गई। नवम्बर माह में तो खपत और भी घट कर 47.23 लाख यूनिट तक गिर गई।
पंखे-कूलर थमे
बिजली खपत कम होने का प्रमुख कारण सर्दी के मौसम में विद्युत उपकरणों को प्रयोग कम होना है। गर्मी के मौसम में पंखे, कूलर व एसी का भरपूर उपयोग होता है। वहीं सर्दी के मौसम में इनका उपयोग थम जाता है। हालांकि सर्दी के मौसम में गीजर और इलेक्ट्रिक रॉड का उपयोग किया जाता है, लेकिन इनका उपयोग कुछ ही घरों में और सीमित समय तक ही होता है। इसके चलते सर्दी के मौसम में बिजली की खपत घटने से बिजली के बिल की राशि भी कम हो गई है।
यह भी कारण
खपत घटने के पीछे निगम की ओर से बिजली चोरी की रोकथाम के लिए की गई विजिलेंस की कार्रवाई का भी असर है। निगम की ओर से अप्रेल माह से अब तक करीब 45० कार्रवाई की गई है। दिसम्बर माह में ही करीब 4० स्थानों पर बिजिलेंस की कार्रवाई की गई हैं। निगम की ओर से शिविर लगा कर कनेक्शन भी जारी किए गए। इससे बिजली चोरी रूकने से बिजली का उपयोग बंद हो गया।
खपत कम हुई है
पंखे, कूलर व एसी नहीं चलने से सर्दी में बिजली की खपत घटी है। गर्मी में इनका अधिक उपयोग होने से खपत अधिक रहती है। बिजिलेंस कार्रवाई का भी प्रभाव है।
-केवल वर्मा, सहायक अभियंता (अ प्रथम), गंगापुरसिटी।