ज्ञापन में बताया कि कोरोना के चलते सरकार की ओर बनाए गए ऑक्सीजन प्लांटों में अब नियुक्ति को लेकर विवाद पैदा हो गया है। आईटीआई के छात्रों ने ऑक्सीजन प्लांटों ने अनट्रेंड ऑपरेटर लगाने पर रोष जताया। सभी ने ऑक्सीजन प्लांटों में अप्रुवड ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग कर चुके पात्र लोगों को नियुक्ति देने की मांग की। छात्रों ने ज्ञापन सौंपकर ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति देने की मांग की है। आईटीआई छात्रों कहना है कि वह भारत सरकार की ओर से अप्रुवड ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग ले चुके है। ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर का ऑल इंडिया टेस्ट पास कर बैठे हुए है। दो साल की आईटीआई कर ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर की डिग्री लेकर बैठे है लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से ट्रेंड ऑपरेटर की जगह अनट्रेंड लोगो को ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पदो पर लगाया जा रहा है। जो की कानूनी रूप से गलत है। आईटीआई छात्रों ने कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर आईटीआई होल्डर व डिग्रीधारी ट्रेंड लोगों को ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पद पर नियुक्तियां देने की मांग की।
कार्मिकों की भी है दरकार
कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पतालों में भी कार्मिकों की दरकार है। इसको देखते हुए पूर्व में राज्य सरकार की ओर से कोविड सहायकों के रूप में अस्थाई तौर पर अस्पतालों में भत्र्ती भी की गई थी। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी समस्या का सामना करने के कारण राज्य सरकार की ओर से जिले में ऑक्सीजन प्लांट तो बनवा दिए है लेकिन अब समस्या ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर की है। जिले में कई लोग है जिनके पास संबंधित डिग्री है लेकिन अभी तक उनको भी ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के रूप में नियुक्ति नहीं दी गई है।
कार्मिकों की भी है दरकार
कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पतालों में भी कार्मिकों की दरकार है। इसको देखते हुए पूर्व में राज्य सरकार की ओर से कोविड सहायकों के रूप में अस्थाई तौर पर अस्पतालों में भत्र्ती भी की गई थी। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी समस्या का सामना करने के कारण राज्य सरकार की ओर से जिले में ऑक्सीजन प्लांट तो बनवा दिए है लेकिन अब समस्या ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर की है। जिले में कई लोग है जिनके पास संबंधित डिग्री है लेकिन अभी तक उनको भी ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के रूप में नियुक्ति नहीं दी गई है।