ज्ञापन में कहा है कि डॉ. मीना ने पांचना बांध के पानी को खुलवाने के लिए जन आंदोलन किया था। यह संघर्ष जनता के हित में था न कि किसी व्यक्ति विशेष के लिए, लेकिन इस आंदोलन में राजनीतिक दवाब के कारण एक ऐसे व्यक्ति विशेष को फंसाया गया है, जिसने जनता के हित में कदम उठाया।
अब उन्हें कोर्ट ने 6 माह के कारावास एवं एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। राजस्थान की जनता, युवा, वृद्ध एवं महिलाओं में इस फैसले का लेकर आक्रोश है। ज्ञापन में कहा है कि राज्यसभा सांसद डॉ. मीना को इस मामले से बरी कर मामले को रफा-दफा किया जाए। ज्ञापन देने वालों में महासभा के करौली महासचिव दीपक गढ़ी, नरेन्द्र र्झाा, गौरव सैनी, लवकुश गुर्जर, मन्नुलाल मीना, अनूप खंडीप, बने सिंह गुर्जर, मनोज कैमला, नीरज खण्डीप, अरविंद कुमार मीना, मदनमोहन गुर्जर एवं फिरोज खान आदि शामिल हैं।