संघ प्रवक्ता बी.एस. गुर्जर ने कहा कि बजट से यह बात उजागर हो गई है कि सरकार रेलवे के कार्पोरेटीकरण एवं निजीकरण पर तेजी से आगे बढऩा चाहती है। संघ इसका विरोध कर रहा है। उप मंडल सचिव डी.के. शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा था कि रेलवे के तीव्र विकास के लिए माल वाहन और रोलिंग स्टॉक मैन्युफैक्चरिंग आदि में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (पीपीपी) पर आगे बढ़ा जाना चाहिए, जो रेल कर्मचारियों के साथ ज्यादती है।
केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य पी.सी. मीणा ने बताया कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा था कि रेलवे को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 50 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी। ऐसी दलीलें देकर रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। केन्द्रीय सदस्य राजूलाल ने कहा कि इसके लिए आंदोलन की जरूरत है। इस मौके पर शाखा सचिव यातायात आमीन गद्दी, शाखा अध्यक्ष आर डी मीणा, जीएल मीणा, दीवान सिंह, भंवर सिंह कठेरिया, रविशंकर उपाध्याय एवं जीएस खटाना आदि मौजूद रहे।