इसलिए घट रहा रूझान
गत वर्ष जिले में जहां करीब छह आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन हो रहा था वहीं इस बार जिले में केवल एक ही आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। गौरतलब है निगम निगम मुख्यालय की ओर से गत दिनों आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन के नियमों में बदलाव कर दिया था । आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन के लिए नियमों में सख्ती होने से प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं का आवासीय प्रशिक्षण से मोह भंग हो रहा है।
गत वर्ष जिले में जहां करीब छह आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन हो रहा था वहीं इस बार जिले में केवल एक ही आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। गौरतलब है निगम निगम मुख्यालय की ओर से गत दिनों आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन के नियमों में बदलाव कर दिया था । आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन के लिए नियमों में सख्ती होने से प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं का आवासीय प्रशिक्षण से मोह भंग हो रहा है।
आधार लिंक मशीन का है रोडा
आरएसएलडीसी के रोजगार परक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम( ईएलएसटीपी) के तहत जिले के बेरोजगार युवाओं को रोजगार परक आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके तहत प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के दौरान रहने खाने की सुविधा नि:शुल्क मुहैया कराई जाती है। इसमें प्रशिक्षण के एवज में संस्था को राज्य सरकार की ओर से अच्छी खासी राशि का भुगतान भी किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रति घंटे व प्रति प्रशिक्षणार्थियों के हिसाब से भुगतान किया जाता है। लेकिन इस बार निगम मुख्यालय ने प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने वाली बॉयोमैट्रिक मशीन को आधार कार्ड से लिंक कर दिया है ऐसे में मशीन में होने वाली छेडख़ानी व फर्जी उपस्थिति की संभावनाएं खतम हो गई हैं।
५० फिसदी उपस्थिति नहीं होने पर नहीं मिलता पैसा
आरएसएलडीसी के नियमानुसार किसी भी प्रशिक्षण केन्द्र पर प्रतिदिन न्यूनतम ५० फीसदी उपस्थिति दर्ज होना अनिवार्य है। यानि यदि कोई संस्था २५ प्रशिक्षणार्थियों का एक बैच का प्रशिक्षण चला रही है तो प्रतिदिन कम से कम १२ प्रशिक्षणार्थियों का उपस्थित होना अनिवार्य है। इससे कम की उपस्थिति होने पर उस दिन का पैसा संस्था को नहीं दिया जाता है।
तीन हजार युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
जिले में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने व उन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार से जोडऩे के लिए अब जिले में जल्द ही आठ नए प्रशिक्षण केन्द्र शुरू किए जाएंगे। राजस्थान कौशल आजीविका विकास निगम के तत्वावधान में शुरू होने वाले इन प्रशिक्षण केन्द्रों में जिले के बेरोजगार युवाओं को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा इसके लिए निगम अधिकारियों की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। इस माह के अंत तक जिले में सभी नए प्रशिक्षण केन्द्र शुरू हो जाएंगे। इन केन्द्रों में एक वर्ष में जिले के तीन हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
आरएसएलडीसी के रोजगार परक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम( ईएलएसटीपी) के तहत जिले के बेरोजगार युवाओं को रोजगार परक आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके तहत प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के दौरान रहने खाने की सुविधा नि:शुल्क मुहैया कराई जाती है। इसमें प्रशिक्षण के एवज में संस्था को राज्य सरकार की ओर से अच्छी खासी राशि का भुगतान भी किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रति घंटे व प्रति प्रशिक्षणार्थियों के हिसाब से भुगतान किया जाता है। लेकिन इस बार निगम मुख्यालय ने प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने वाली बॉयोमैट्रिक मशीन को आधार कार्ड से लिंक कर दिया है ऐसे में मशीन में होने वाली छेडख़ानी व फर्जी उपस्थिति की संभावनाएं खतम हो गई हैं।
५० फिसदी उपस्थिति नहीं होने पर नहीं मिलता पैसा
आरएसएलडीसी के नियमानुसार किसी भी प्रशिक्षण केन्द्र पर प्रतिदिन न्यूनतम ५० फीसदी उपस्थिति दर्ज होना अनिवार्य है। यानि यदि कोई संस्था २५ प्रशिक्षणार्थियों का एक बैच का प्रशिक्षण चला रही है तो प्रतिदिन कम से कम १२ प्रशिक्षणार्थियों का उपस्थित होना अनिवार्य है। इससे कम की उपस्थिति होने पर उस दिन का पैसा संस्था को नहीं दिया जाता है।
तीन हजार युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
जिले में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने व उन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार से जोडऩे के लिए अब जिले में जल्द ही आठ नए प्रशिक्षण केन्द्र शुरू किए जाएंगे। राजस्थान कौशल आजीविका विकास निगम के तत्वावधान में शुरू होने वाले इन प्रशिक्षण केन्द्रों में जिले के बेरोजगार युवाओं को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा इसके लिए निगम अधिकारियों की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। इस माह के अंत तक जिले में सभी नए प्रशिक्षण केन्द्र शुरू हो जाएंगे। इन केन्द्रों में एक वर्ष में जिले के तीन हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इनका कहना है…..
इस बार नियमों में की गई सख्ती के चलते और आवासीय प्रशिक्षण लम्बा होने के चलते जिले में आवासीय प्रशिक्षण के लिए आसवेदन कम ही आए हैं। इस बार गैर आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र अधिक खोले जा रहे है। इस माह के अंत तक सभी प्रशिक्षण केंन्द्र शुरू हो जाएंगे।
– विकास जादौन, जिला प्रबंधक, आरएसएलडीसी, सवाईमाधोपुर।
इस बार नियमों में की गई सख्ती के चलते और आवासीय प्रशिक्षण लम्बा होने के चलते जिले में आवासीय प्रशिक्षण के लिए आसवेदन कम ही आए हैं। इस बार गैर आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र अधिक खोले जा रहे है। इस माह के अंत तक सभी प्रशिक्षण केंन्द्र शुरू हो जाएंगे।
– विकास जादौन, जिला प्रबंधक, आरएसएलडीसी, सवाईमाधोपुर।