दवाइयों की जानकारी होगी अपडेट
रेडियोलॉजी और लेबोरेट्री में कितनी जांचों पर किस डॉक्टर ने रिपोर्टिंग की दर्ज रहेगा। इसके अलावा हॉस्पीटल में रखी दवाइयां की जानकारी अपडेट रहेगी। डॉक्टर ऑनलाइन स्टोर में रखी दवाइयों की स्थिति के आधार पर मरीजों को दवा लिखेंगे।
कम रोगियों को देखा तो होगी कार्रवाई
इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने से हॉस्पीटल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ पर मुख्यालय से नजर रखी जा सकेगी। ड्यूटी समय से पहले हॉस्पिटल छोड़ा तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सॉफ्टवेयर में एंट्री होगी कि दिन में किस चिकित्सक ने कितने मरीज देखे। सॉफ्टवेयर में कम मरीजों को परामर्श देने वाले डॉक्टरों की छंटनी होगी। इसके बाद स्वास्थ्य निदेशालय ने संबंधित चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ से पूछा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने नए सिस्टम लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है।
रेडियोलॉजी और लेबोरेट्री में कितनी जांचों पर किस डॉक्टर ने रिपोर्टिंग की दर्ज रहेगा। इसके अलावा हॉस्पीटल में रखी दवाइयां की जानकारी अपडेट रहेगी। डॉक्टर ऑनलाइन स्टोर में रखी दवाइयों की स्थिति के आधार पर मरीजों को दवा लिखेंगे।
कम रोगियों को देखा तो होगी कार्रवाई
इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने से हॉस्पीटल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ पर मुख्यालय से नजर रखी जा सकेगी। ड्यूटी समय से पहले हॉस्पिटल छोड़ा तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सॉफ्टवेयर में एंट्री होगी कि दिन में किस चिकित्सक ने कितने मरीज देखे। सॉफ्टवेयर में कम मरीजों को परामर्श देने वाले डॉक्टरों की छंटनी होगी। इसके बाद स्वास्थ्य निदेशालय ने संबंधित चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ से पूछा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने नए सिस्टम लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है।
खुलेंगे अलग अलग खाते
नए सॉफ्टवेयर में मेडिसिन, आर्थोपेडिक्स, गायनिक, पीडियाट्रिक, सर्जरी डिपार्टमेंट के अलग-अलग खाते खोले जाएंगे। एचओडी को मरीजों के इलाज से संबंधित जानकारी खातों में अपलोड करनी होगी। स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल मेडिकल कॉलेज से हॉस्पीटल और जिला अस्पताल में यह सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसके बाद सब डिविजनल हॉस्पिटल और सीएचसी व पीएचसी पर लागू किया जाएगा।
नए सॉफ्टवेयर में मेडिसिन, आर्थोपेडिक्स, गायनिक, पीडियाट्रिक, सर्जरी डिपार्टमेंट के अलग-अलग खाते खोले जाएंगे। एचओडी को मरीजों के इलाज से संबंधित जानकारी खातों में अपलोड करनी होगी। स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल मेडिकल कॉलेज से हॉस्पीटल और जिला अस्पताल में यह सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसके बाद सब डिविजनल हॉस्पिटल और सीएचसी व पीएचसी पर लागू किया जाएगा।
-फिलहाल, जिले में इसकी प्रक्रिया चल रही है। इस सिस्टम से अस्पताल में चिकित्सकों के साथ अन्य गतिविधियों पर नजर रहेगी। वार्ड इंचार्ज व ऑपरेटरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नवलकिशोर अग्रवाल, जिला नोडल अधिकारी, सामान्य चिकित्सालय सवाईमाधोपुर
नवलकिशोर अग्रवाल, जिला नोडल अधिकारी, सामान्य चिकित्सालय सवाईमाधोपुर