scriptदशहरा आज… शहर में बिना आतिशबाजी के 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का होगा दहन | Dussehra today... 51 feet high effigy of Ravana will be burnt without | Patrika News

दशहरा आज… शहर में बिना आतिशबाजी के 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का होगा दहन

locationसवाई माधोपुरPublished: Oct 14, 2021 08:31:37 pm

Submitted by:

rakesh verma

दशहरा आज… शहर में बिना आतिशबाजी के 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का होगा दहन बजरिया में नहीं होगा आयोजन सवाईमाधोपुर. जिले में विजयादशमी का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर यहां पुराने शहर में शुक्रवार को बिना आतिशबाजी के 51 फीट ऊंचे रावण का दहन होगा। समिति के अध्यक्ष रामजीलाल जोशी एवं महामंत्री राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि शहर में 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन रामलीला मैदान के पास स्थित पहाड़ी पर होगा। वहीं शुक्रवार को रावण वध की लीला होगी। इस बार सरकार से अनुमति नहीं मिलने से न तो रामदर

दशहरा आज... शहर में बिना आतिशबाजी के 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का होगा दहन

दशहरा आज…शहर में बिना आतिशबाजी के 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का होगा दहन

दशहरा आज…
शहर में बिना आतिशबाजी के 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का होगा दहन
बजरिया में नहीं होगा आयोजन
सवाईमाधोपुर. जिले में विजयादशमी का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर यहां पुराने शहर में शुक्रवार को बिना आतिशबाजी के 51 फीट ऊंचे रावण का दहन होगा। समिति के अध्यक्ष रामजीलाल जोशी एवं महामंत्री राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि शहर में 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन रामलीला मैदान के पास स्थित पहाड़ी पर होगा। वहीं शुक्रवार को रावण वध की लीला होगी। इस बार सरकार से अनुमति नहीं मिलने से न तो रामदरबार एवं रावण दरबार की शोभायात्रा निकलेगी और न दशहरा मेला का आयोजन होगा। रावण के अंतिम संस्कार के रूप में बिना किसी आतिशबाजी के रावण के पुतले का दहन होगा। सभी शहर वासी पुतले का दहन या तो अपने अपने घरों की छतों से देखेंगे या ऑन लाइन देखेंगे। समिति के पदाधिकारियों ने लोगो से अधिक से अधिक संख्या में रावण वध एवं दहन ऑन लाइन देखने का आग्रह किया है।
रामलीला अंतिम चरण में
शहर के रामलीला मैदान में नगर रामलीला मंडल समिति के तत्वावधान में चल रही रामलीला अपने अंतिम चरण से एक पायदान दूर है। समिति के प्रवक्ता दिलीप शर्मा ने बताया कि गुरुवार की लीला में अहिरावण, मेघनाथ एवं कुम्भकर्ण के वध के बाद रावण अकेला ही बचा है। अब काल राम रावण युद्ध होगा और रावण के अंतिम संस्कार के रूप में रावण के पुतले का दहन होगा। जब श्री राम एवं कुम्भकर्ण में युद्ध हुआ तो लोगों ने जमकर जय श्री राम के नारे लगाए। जब हनुमान ने मेघनाद का विजय यज्ञ का विध्वंश किया तो लोगो ने भी ठहाके लगाए।
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