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राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य का मामला: तीन राज्यों के नियमों में फंसा ईको सेंसेटिव जोन

locationसवाई माधोपुरPublished: Oct 06, 2019 12:35:24 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

तीनों राज्यों में अलग-अलग ईको सेंसेटिव जोन बनाने पर रोक

राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य का मामला: तीन राज्यों के नियमों में फंसा ईको सेंसेटिव जोन

Chambal Gharial Sanctuary

सवाईमाधोपुर. जिले के चंबल घडिय़ाल अभयारण्य का ईको सेंसेटिव जोन नियमों के पेंच में फंसता नजर आ रहा है। वन विभाग की ओर से तीनों राज्यों में राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य में घडिय़ाल ( Chambal Gharial Sanctuary ) व अन्य जलीय जीवों के संरक्षण के लिए ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने की कवायद की जा रही थी। सरकार की ओर से तीनों राज्यों में एक सी सीमा का ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन राजस्थान के रणथम्भौर में बाघ परियोजना होने के कारण मामला अटक गया है।

यह हैं पेंच
सरकार की ओर से राजस्थान, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश तीनों राज्यों में एक सी सीमा में ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में विभाग की ओर से चंबल अभयारण्य की सीमा से दो किलोमीटर के क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन राजस्थान के सवाईमाधोपुर के चंबल घडिय़ाल अभयारण्य की सीमा के एक किमी के बाद ही रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की सीमा शुरू हो जाती है। ऐसे में यहां दो किमी का ईको सेंसेटिव जोन घोषित नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि गत दिनों दिल्ली में इस मामले को लेकर तीनों राज्यों के वन अधिकारियों की बैठक हुई थी।

जोन में किसी प्रकार की गतिविधि नहीं
सरकार की ओर से जलीय जीवों के संरक्षण के लिए ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। ईको सेंसेटिव जोन में किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि व निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध होता है, ताकि जलीय जीवों को कोई परेशानी ना हो।
चंबल घडिय़ाल अभयारण्य पर एक नजर….
1978 में हुई थी राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य की स्थापना।
5400 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है अभयारण्य
400 किमी लंबी चंबल नदी है कोर एरिया में
03 राज्यों में फैला है अभयारण्य
घडिय़ालों के कुनबे का गणित
550 घडिय़ाल थे अभयारण्य में 2017 में
600 घडिय़ाल थे अभयारण्य में 2018 में
850 घडिय़ाल है अभयारण्य में 2019 में
40 घडिय़ाल थे पाली घाट में 2017 में
50 घडिय़ाल थे पाली घाट में 2018 में
210 घडिय़ाल हैं पालीघाट में 2019 में
150 घडिय़ालों का इस साल हुआ जन्म
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