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पत्रिका एक्सपोज…ग्रीन हाउस योजना: ग्रीन हाउस में नियमों की अनदेखी, फर्मों पर मेरहबान उद्यान अधिकारी

locationसवाई माधोपुरPublished: May 19, 2022 09:19:58 am

Submitted by:

rakesh verma

पत्रिका एक्सपोज…ग्रीन हाउस योजना: ग्रीन हाउस में नियमों की अनदेखी, फर्मों पर मेरहबान उद्यान अधिकारी
किसानों पर नियमों का फंदा, फर्मों पर नहीं शिकंजाकिसानों से समय पर राशि जमा कराई
फर्मों ने निर्माण में देरी की, फिर भी शास्ति नहीं लगाई

पत्रिका एक्सपोज...ग्रीन हाउस योजना: ग्रीन हाउस में नियमों की अनदेखी, फर्मों पर मेरहबान उद्यान अधिकारी

पत्रिका एक्सपोज…ग्रीन हाउस योजना: ग्रीन हाउस में नियमों की अनदेखी, फर्मों पर मेरहबान उद्यान अधिकारी

…..पत्रिका एक्सपोज…ग्रीन हाउस योजना: किसानों पर नियमों का फंदा, फर्मों पर नहीं शिकंजा
किसानों से समय पर राशि जमा कराई

फर्मों ने निर्माण में देरी की, फिर भी शास्ति नहीं लगाई

स्वीकृति के तीन माह में तैयार कर देने थे ग्रीन हाउस
सवाईमाधोपुर. सरकार की योजनाएं किसानों को कितनी राहत दे रही है, इसकी बानगी जिले में ग्रीन हाउस लगाने के लिए चयनित किसानों से बेहतर कोई नहीं बता सकता। योजना के तहत बैंकों से कर्जा लेकर कृषक हिस्से के रूप में अपनी राशि जमा करा चुके किसान, अब विभाग एवं ग्रीन हाउस लगाने वाली फर्म के चक्कर काटने को मजबूर हैं। ग्रीन हाउस को फायदा समझने वाले किसान पिछले पांच माह से बेवजह बैंकों को ब्याज भी भुगत रहे हैं। किसान समय पर नियम पूरे कर रहे हैं। जरा भी नियमानुसार कार्रवाई नहीं करने पर उनका आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता। लेकिन अनुबंधित फर्म नियम के तहत समय पर ग्रीन हाउस नहीं लगाकर, उनको टरका रही है। आलम ये है कि उद्यान विभाग के अधिकारियों ने ग्रीन हाउस निर्माण में देरी व नियम दरकिनार करने वाली फर्मों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि उन कार्रवाई का प्रावधान है।
क्या है मामला

राष्ट्रीय बागवानी मिशन की उपयोजना उद्यानिकी विकास कार्यक्रम के तहत ग्रीन हाउस के तहत जिले के कई किसानों ने आवेदन किए थे। लॉटरी के बाद कुछ किसानों का चयन किया गया। इसमें ग्रीन हाउस लगाने पर 75 फीसदी सरकार अनुदान देती है। जबकि 25 फीसदी राशि कृषक से उसके हिस्से के रूप में जमा की जाती है। चयनित किसानों के खेतों में यूनिट लगाने के लिए जनवरी व फरवरी माह में प्रशासनिक स्वीकृति एवं कार्यादेश जारी किए थे। पर अब तक लगाए नहीं गए।
30 दिन के भीतर पहुंचानी थी निर्माण सामग्री

ग्रीन हाउस की प्रशासनिक स्वीकृति के बाद अनुबंधित फर्म की ओर से तीस दिन के भीतर निर्माण सामग्री कार्यस्थल पर पहुंचाई जानी थी। आपूर्ति नहीं होने पर जिला अधिकारी द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति एवं कार्यादेश निरस्त किया जाकर कृषक की सहमति से अन्य फर्म की प्रशासनिक स्वीकृति व कार्यादेश जारी करने का नियम है।
90 दिन में पूरा करना था, पर हुआ नहीं

नियमानुसार प्रशासनिक स्वीकृति जारी किए जाने के बाद ग्रीन हाउस का निर्माण अधिकतम 90 दिवस के भीतर पूर्ण कर संबंधित उद्यान विभाग कार्यालय को सूचित करना था। निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं करने पर जिला अधिकारी द्वारा संबंधित निर्माणकर्ता फर्म के विरुद्ध सामान्य वित्तीय लेखा सेवा नियमों के तहत शास्ति लगाए जाने का भी प्रावधान है, लेकिन विभाग ने एक भी फर्म के शास्ति नहीं लगाई है
एक फसल का भी नुकसान

कार्यादेश जारी होने के बाद विभाग ने किसानों को खेत खाली करने को कहा था, लेकिन किसानों ने नवम्बर में गेहूं व सरसों की फसल बो रखी थी, लेकिन कार्यादेश जारी होती ही टै्रक्टर चलाकर फसल को भी हटाना पड़ा। इसका भी उनको नुकसान हुआ है।
बैंकों का ब्याज लग रहा

किसानों का कहना है कि ग्रीन हाउस समय पर लग जाता तो किसानों को कुछ आय की उम्मीद भी बंधती है, लेकिन आय तो नहीं हुई, उल्टे बैंकों का ब्याज उन्हें भुगतना पड़ रहा है। किसानों ने करीब 15 से 16 लाख रुपए का कर्जा ले रखा है।
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केस न. एक

अशोक राज मीणा निवासी शिनोली ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन की उपयोजना उद्यानिकी विकास कार्यक्रम के तहत 2020-21 में संरक्षित खेती कार्यक्रम अन्तर्गत ग्रीन हाउस निर्माण के लिए आवेदन किया था। विभाग से स्वीकृति के बाद चार हजार वर्गमीटर का ग्रीन हाउस लगाना था। इसकी कुल लागत 38 लाख 70 हजार चार सौ रुपए बताई गई। इसके पेटे कृषक हिस्सा राशि के रूप में करीब 15 लाख रुपए कर्ज लेकर विभाग को जमा करा दिए। सरकार की ओर से करीब 23 लाख 63 हजार का अनुदान दिया गया। विभाग की ओर से दस जनवरी 2022 को प्रशासनिक स्वीकृति आदेश दिए गए, लेकिन पांच माह बीत गए। अब तक ना तो सामान डाला गया और ना ही अनुबंधित फर्म ने काम शुरू किया।
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केस न. दो

पृथ्वीराज मीणा निवासी जस्टाना ने बताया कि उन्होंने भी ग्रीन हाउस के लिए आवेदन किया था। लॉटरी में नाम आने के बाद कृषक हिस्सा राशि बतौर 16 लाख 48 हजार रुपए जमा करा दिए। जमा कराई तीन महिने करीब हो गए, लेकिन अब तक अनुबंधित फर्म की ओर से कोई सामान नहीं डाला गया है। ना ही निर्माण को लेकर कोई कवायद शुरू की गई है। बैंकों से कर्जा लेकर राशि जमा कराई थी, लेकिन बिना वजह ब्याज लग रहा है। विभाग को भी अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इनका कहना है…

सिनोली में नाप चौक हो गए है, जल्द ही सामान उपलब्ध कराया जाएगा। जस्टाना में कास्तकार द्वारा ग्रीन हाउस की नई डिज़ाइन तैयार कराई जाएगी। ऐसे में यहा नई संसोधित डिज़ाइन का काम होगा। इससे देरी हो रही है। दोनों जगहों पर शीघ्र ही ग्रीन हाउस का काम शुरू कराया जाएगा। जिले में किसान ग्रीन हाउस लगाकर लाभान्वित हो रहे है।
चन्द्र प्रकाश बड़ाया, सहायक निदेश उधान, सवाईमाधोपुर

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