यह है मामला
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऑनलाइन बुकिंग में निर्धरित वाहनों की संख्या के आधार पर ही वाहनों को जोन अलॉट किया जाता है। वहीं टिकट में जारी किए गए जोन में ही वाहनोंं को प्रवेश की अनुमति दी जाती है। अगर पर्यटक को अपने जोन में बदलाव कराना है तो इसके लिए पर्यटक को एक हजार रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। साथ ही जोन में वाहनों की संख्या भी पूरी नहीं होनी चाहिए, लेकिन वन विभाग को पूर्व में पर्यटकों को गलत जोन में भेजे जाने की शिकायत मिली थी।
खंगाल रहे रिकॉर्ड
मामले में अब वन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग की ओर से अब जोन अलॉट को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका की जांच की जा रही है। रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के सभी एंट्री प्वाइंटों से वाहनों के प्रवेश के रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। साथ ही विभाग की ओर से वाहनों में लगे जीपीएस सिस्टम की रिपोर्ट मंगवाई गई है। साथ ही विभाग जोन चेंज के शुल्क की भी जांच कर रहा है।
रणथम्भौर पार्क भ्रमण में जोन अलॉट को लेकर फर्जीवाड़े की शिकायत मिली थी। कुछ वाहनों को संभवत: गलत जोन में भेजा गया था। मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
सुरेन्द्र सिंह धाकड़, एसीएफ , पर्यटन, रणथम्भौर, सवाईमाधोपुर।