दरअसल सरकार ने करीब 11 लाख रुपए खर्च कर शहर के कोली पाड़ा में ड्रग वेयर हाउस का निर्माण कराया है। दो साल पहले इसका लोकार्पण भी किया जा चुका है, लेकिन सरकार की ओर से कार्मिक नहीं लगाए जाने से इसका संचालन शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में स्टाफ की कमी से लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया भवन अनुपयोगी पड़ा है। साथ ही सरकार की मंशा भी पूरी नहीं हो पाई है।
यह लगना है स्टाफ
विभागीय सूत्रों के अनुसार ड्रग वेयर हाउस के संचालन के लिए फार्मासिस्ट सहित अन्य स्टाफ की आवश्यकता है। इनमें प्रमुख रूप से दो फॉर्मासिस्ट, दो कम्प्यूटर ऑपरेटर, दो लिपिक एवं दो सहायक कर्मचारी की दरकार है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस बारे में कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र भी लिखे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक ड्रग वेयर हाउस कार्मिकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण शुरू नहीं हो पाया है।
अभी यह है व्यवस्था
सरकारी चिकित्सालयों में रोगियों को निशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। फिलहाल क्षेत्र के अस्पतालों में जिला मुख्यालय स्थित ड्रग वेयर हाउस से दवा लेकर आनी पड़ती है। दवा लाने में चिकित्सा संस्थानों को काफी राशि खर्च करनी पड़ती है। ड्रग वेयर हाउस का संचालन शुरू होने पर राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन की ओर से गंगापुरसिटी में दवा की आपूर्ति की जाएगी। ऐसे में यहां से दवा लेने के लिए सवाईमाधोपुर नहीं जाना पड़ेगा।
आसपास के संस्थानों को भी लाभ
विभागीय जानकारी के अनुसार यहां ड्रग वेयर हाउस शुरू होने से आसपास के चिकित्सा संस्थानों को भी लाभ होगा। बामनवास, वजीरपुर सहित अन्य चिकित्सा संस्थानों को दवा लेने के लिए सवाई माधोपुर जाना पड़ता है। ड्रग वेयर हाउस शुरू होने पर यह चिकित्सा संस्थान यहां से दवा प्राप्त कर सकेंगे। इसका लाभ यह होगा कि एक ओर जहां किराया राशि में कमी आएगी। वहीं समय भी कम लगेगा।
अधिकारियों को लिखा है
ड्रग वेयर हाउस का लोकार्पण तो हो गया है। इसके संचालन के लिए स्टाफ की नियुक्ति के लिए विभागीय अधिकारियों को लिखा गया है। फिलहाल स्टाफ की नियुक्ति नहीं हुई है।
-डॉ. जी. बी. सिंह, पीएमओ, सामान्य चिकित्सालय गंगापुरसिटी।
एक नजर में चिकित्सा संस्थान
1 सामान्य चिकित्सालय
3 सीएचसी
6 पीएचसी ग्रामीण
2 पीएचसी शहरी
51 उप स्वास्थ्य केन्द्र