सवाई माधोपुर

video हेल्थ रैकिंग में फिर फिसड््डी रहा जिला

हेल्थ रैकिंग में फिर फिसड््डी रहा जिला

सवाई माधोपुरAug 12, 2019 / 02:25 pm

Subhash

sawaimadhopur cmho office

सवाईमाधोपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ढिलाई एवं उचित मॉनिटरिंग नहीं होने से स्वास्थ्य सेवाओं में जिला पिछड़ता जा रहा है। चिकित्सा सेवा एवं स्वास्थ्य से जुड़े हर कार्य में मानकों पर खरा नहीं उतरने पर सवाईमाधोपुर जिला प्रदेश स्तरीय मिसाल हैल्थ रैंकिंग में फिर से पिछड़ गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के जिलों की गत दिनों हेल्थ रैंकिंग घोषित की है। इसमें सवाईमाधोपुर जिला प्रदेश में फिर से 23वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह रैकिंग 24वें स्थान पर थी। ऐसे में एक साल बाद भी चिकित्सा महकमा हैल्थ रैकिंग में सुधार नहीं पाया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मिसाल डिस्ट्रक हैल्थ रैंकिंग को सुधार को लेकर चिकित्सका महकमा उदासीन है। लगातार स्वास्थ्य सेवाओं में जिला अस्पताल पिछड़ता जा रहा है।
तीन कैटेगरी से घोषित होती है रेटिंग
रैकिंग में प्रदेश में अव्वल नंबर पर सीकर और सबसे नीचे 34वें स्थान पर डूंगरपुर जिला है। प्रदेश स्तर पर अक्टूबर 2018 से तीन कैटेगरी बनाकर रैंकिंग घोषित की जाने लगी थी। इसमें औसत आधार पर तय किए श्रेष्ठ 10 जिलों को गोल्ड कैटेगरी में रखा गया है। इसके बाद दूसरी रजत कैटेगरी में 12 जिले रखे। तीसरे नंबर की कांस्य कैटेगरी में भी 12 जिले रखे गए है। इनमें जयपुर को ग्रामीण और शहरी दो जिलों के रूप में माना गया। इसकी वजह से पूरे राजस्थान को 34 जिले मानते हुए रैंकिंग घोषित की जाती है।
एक साल बाद भी नहीं सुधरी
पिछले वर्ष चिकित्सा सेवा एवं स्वास्थ्य से जुड़े हर कार्य के अंक के आधार पर सवाईमाधोपुर जिला प्रदेश में 29.4 अंक के साथ 24वें पायदान था, जबकि इस बार जून माह की जारी मिसाल हैल्थ रेटिंग में केवल एक स्थान आगे 30.8 अंको के साथ 23वें स्थान पर पहुंच गया है।
ये है विभाग के मापदंड
सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मिसाल डिस्ट्रक हैल्थ रैंकिंग सिस्टम के जरिए विभिन्न मानकों के आधार पर उत्कृष्ट जिला, ब्लॉक सीएचसी व पीएचसी का चयन किया जाता है। इसमें मातृ नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सूचकांक, पूर्ण टीकाकरण कवरेज, नसबंदी, ओपीडी, मोतियाबिंद, राजधारा, मरीजों की संतुष्टि, संस्थागत प्रसवों का प्रतिशत, प्रसव पूर्व जांच का कवरेज, परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीबी सहित 42 मापदण्डों के आधार पर जिले का स्कोर कार्ड तैयार किया जाता है। साथ ही राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर दवाओं, जांच की उपलब्धता, चिकित्सकों की उपस्थिति, अधिकारियों की ओर से की जाने वाली ऑनलाइन मॉनिटरिंग, मेडिकल मोबाईल यूनिट्स शिविरों आदि मापदण्डों पर संस्थान को परखा जाता है।
नौ कैटेगरी में शून्य रिपोर्ट
जिले में नवजात, शिशु, बाल मृत्युदर, मातृ मृत्युदर, रजिस्ट्रेशन, आदर्श पीएचसी व सीएचसी, दवा उपलब्धता, मलेरिया, डायरिया कैटेगरी में शून्य रिपोर्ट रही थी। इसी आधार पर जिला पीछे रह गया। इनमें सीएचसी व पीएचसी पर तय लक्ष्य निर्धारित समय पर पूरे नहीं हो सकें।
जिले में ये है सीएचसी व पीएचसी के हालात
-जिले में टॉप पर सीएचसी-बामनवास
-जिले में अंतिम स्थान पर सीएचसी-खण्डीप
-जिले में टॉप पर पीएचसी-मलारना चौड़ व ईसरदा
-जिले में अंतिम पायदान पर पीएचसी-श्यामपुरा व बामनबड़ौदा
-टॉप में ब्लॉक-बौली
-अंतिम स्थान पर-गंगापुरसिटी
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करेंगे कार्रवाई
जिन सीएचसी व पीएचसी संस्थानों ने समय पर लक्ष्य पूरे नहीं किए है, उनकी जानकारी लेकर नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जाएगी। सभी को उचित मॉनिटरिंग व समय पर चिकित्सा संबधित कार्य करने के लिए पाबंद किया जाएगा।
डॉ.तेजराम मीणा, सीएमएचओ, सवाईमाधोपुर
इनका कहना है
मिसाल हैल्थ रैकिंग में निर्धारत लक्ष्य समय पर पूरे नहीं होने से जिला पिछड़ गया है। रैकिंग सुधार के प्रयास किए जाएंगे। फिल्ड में सीएचसी व पीएचसी संस्थानों को मॉनिटरिंग व तय लक्ष्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिए जाएंगे।
अजयशंकर बैरवा, सांख्यिकी अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सवाईमाधोपुर
 

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