करते हैं कच्चा प्लास्टर
संसाधनों के अभाव में सामान्य चिकित्सालय में फ्रेक्चर वाले रोगियों का फिलहाल कच्चा प्लास्टर ही किया जाता है। दरअसल इसका कारण है कि सामान्य चिकित्सालय में प्लास्टर कटर उपलब्ध नहीं है। इसके चलते अस्थि भंग वाले रोगियों का पक्का प्लास्टर नहीं किया जाता है। ऐसे में पक्के प्लास्टर के लिए लोगों को निजी चिकित्सालयों में जाना पड़ता है।
सी-आर्म भी नहीं
हड्डी के ऑपरेशन में सी-आर्म मशीन महत्वपूर्ण है। रॉड व प्लेट डालने के दौरान इसका महत्व है। इस मशीन के माध्यम से स्क्रीन पर देखा जा सकता है कि रॉड अथवा प्लेट सही लग रही है या नहीं। इसके अलावा टेबल का भी अभाव बना हुआ है। ऑपरेशन के दौरान अस्थि भंग अंग में खिंचाव के लिए यह जरूरी है ताकि रॉड व प्लेट आसानी से डाली जा सके।
रैफर की मजबूरी
सामान्य चिकित्सालय में प्रतिदिन 70 से 80 अस्थि रोग सम्बन्धित रोगी उपचार के लिए पहुंचते हैं। इनमें दुर्घटना में गंभीर रूप से फे्रक्चर वाले घायल भी शामिल हंै। संसाधन के बिना ऐसे घायलों को रैफर किया जाता है। प्रतिमाह करीब डेढ़ दर्जन घायलों को रैफर करना पड़ता है। ऐसे में रैफर व्यक्तियों को दूसरे शहर अथवा निजी हॉस्पिटल की शरण लेनी पड़ती है। हालांकि भामाशाह योजना के चलते निजी अस्पताल में भी राहत मिल जाती है।
उच्चाधिकारियों को लिखा है
अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन है तो सी-आर्म मशीन होनी चाहिए, लेकिन मशीन काफी महंगी है। इस सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। नेत्र ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की गई है।
-डॉ. जी. बी. सिंह, पीएमओ, सामान्य चिकित्सालय गंगापुरसिटी।