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भूख-प्यास से दम तोड़ रहा गोवंश

locationसवाई माधोपुरPublished: May 16, 2018 01:38:50 pm

Submitted by:

Ravi Mathur

सरकार की ओर से फिलहाल इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए शुरू मौतों का सिलसिला है जारी

भूख-प्यास से दम तोड़ रहा गोवंश

भूख-प्यास से दम तोड़ रहा गोवंश

बामनवास. डूंगरपट्टी क्षेत्र में भूख-प्यास से गोवंश अब दम तोडऩे लगा हैं। पानी के लिए तो वे जैसे-तस कर इक्की-दुक्की तलाइयों में भरे पानी से प्यास बुझा लेते हैं, लेकिन पूरे डूंगरपट्टी इलाके में गोवंश की भूख मिटाने को कुछ नहीं हैं। चारे के संकट के चलते इन्हें भूखे ही भटकना पड़ रहा है। भामाशाहों की ओर से किए गए प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र में गोवंश की संख्या भी घटती जा रही है। वर्तमान में पड़ रही तेज गर्मी के कारण समस्या और भी विकराल होती जा रही है। उन्हें प्यास के साथ भूख सता रही है।

एक पखवाड़े पहले भेजा था चारा
गौरतलब है कि लगभग एक पखवाड़े पूर्व कुछ भामाशाहों की ओर से यहां कुछ गाडिय़ां चारे की भिजवाई गई थी।
जिनका उपयोग गोवंश द्वारा एक पखवाड़े तक कर लिया गया। अब इन गोवंश के पास पेट भरने की समस्या आ गई है। ऐसे में भूख से व्याकुल गोवंश धीरे-धीरे कमजोर होकर दम तोडऩे लगा है।

मवेशी हो रहे कमजोर
स्थानीय निवासी रामकेश गुर्जर, महेश गुर्जर आदि ने बताया कि भूख के कारण गोवंश कमजोर होता चला जाता है। उनकी स्थिति यह हो जाती है कि वे एक जगह पर बैठ जाएं तो उनकी उठने की हालत नहीं रहती।
स्थानीय ग्रामीण कुछ गोवंश की मदद भी कर रहे हैं, लेकिन गोवंश की संख्या अधिक होने के कारण ग्रामीण भी अब अपने आपको असहाय महसूस करने लगे हैं। इधर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मामले में सरकार तक लोगों की मांग से अवगत करा दिया है। समारात्मक प्रयास जारी है।

ग्रामीणों ने की चारे की मांग
गोवंश की मौत के बाद डूंगरीपट्टी क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में चारों तरफ कंकाल ही कंकाल नजर आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गत वर्ष भी बड़ी संख्या में डूंगरपट्टी में गोवंश की मौत हुई थी। जिस पर खूब राजनीति हुई और गोवंश की मौतों के बाद भामाशाह आगे आए। इस वर्ष भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। गोवंश एक-एक कर दम तोड़ रहा है। उनकी मौत का सिलसिला जारी है। मगर सरकारी स्तर पर अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने गोवंश के लिए चारे की व्यवस्था की प्रशासन से मांग की है।
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