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दुष्परिणामों की कर रहे अनदेखी

locationसवाई माधोपुरPublished: Dec 08, 2019 07:51:10 pm

Submitted by:

Rajeev

गंगापुरसिटी . प्रतिबंध के बाद भी शहर में पॉलीथिन केरीबैग के उपयोग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पॉलीथिन के दुष्परिणामों को जानने के बाद भी लोगों द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। स्थिति यह है कि सब्जी मंडी, परचून की दुकान, ठेलों एवं चाय रेस्टोरेन्ट सहित अन्य दुकानों पर ग्राहकों को पॉलीथिन में सामान दिया जा रहा है।

दुष्परिणामों की कर रहे अनदेखी

दुष्परिणामों की कर रहे अनदेखी

गंगापुरसिटी . प्रतिबंध के बाद भी शहर में पॉलीथिन केरीबैग के उपयोग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पॉलीथिन के दुष्परिणामों को जानने के बाद भी लोगों द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। स्थिति यह है कि सब्जी मंडी, परचून की दुकान, ठेलों एवं चाय रेस्टोरेन्ट सहित अन्य दुकानों पर ग्राहकों को पॉलीथिन में सामान दिया जा रहा है।

हालांकि दुकानदारों का कहना है कि अधिकतर ग्राहक अपने साथ थैला लेकर नहीं आते हैं और पॉलीथिन में सामान मांगते हैं। नगरपरिषद की ओर से यदा-कदा पॉलीथिन जब्त करने और जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाती है तो पॉलीथिन के उपयोग में कमी नजर आती है।
सख्ती हटने के बाद बाजारों में फिर से पॉलीथिन नजर आने लगती है। हालांकि पॉलीथिन के दुष्परिणामों को लेकर लोगों को जाग्रत करने के लिए विभिन्न संगठनों की ओर से कपड़े के थैले वितरित किए गए थे। इसके बाद भी पॉलीथिन कैरीबैग पर अंकुश नहीं लगा है।

पर्यावरण को नुकसान


पॉलीथिन के उपयोग से पर्यावरण पर भी असर पड़ता है। पॉलीथिन कई सालों तक नष्ट नहीं हो पाती है। पॉलीथिन को जलाने से निकलने वाली गैस से पर्यावरण दूषित होता है। खासकर पशुओं के लिए बेहद नुकसानदायी है। इधर-उधर कचरे के ढेर में पड़े पॉलीथिन को खाने से पशु काल के ग्रास बन जाते हैं। इसके चलते कई गौवंश मौत के शिकार हो चुके हैं।

स्वास्थ्य पर भी असर


पर्यावरण के साथ पॉलीथिन स्वास्थ्य पर भी असर डालती है। सामान्य चिकित्सालय के डॉ. आर. सी. मीना के अनुसार खाद्य सामग्री को पॉलीथिन में लाना-ले जाना ठीक नहीं है। नियमित रूप से पॉलीथिन में चाय-कॉफी लाकर पीना नुकसानदायी है। इससे मनुष्य कैंसर और सांस जैसी बीमारी के शिकार हो सकते हैं। खासकर बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं।

पशु के पेट में हो जाती है जमा


पॉलीथिन पशु के पेट में जमा हो जाती है। वह न तो गोबर के साथ निकल पाती है और ना ही पेट में पच पाती है। ऐसे में पशु कमजोर होने लगता है और पोषक तत्वों की कमी आ जाती है। कई बार अधिक मात्रा में खाने से पाचन नली अवरुद्ध हो जाती है। इससे पशु की मौत भी हो सकती है। ऐसे में पॉलीथिन पशुओं के लिए जानलेबा साबित हो रही है।
-डॉ. योगेश शर्मा, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, गंगापुरसिटी।

करेंगे कार्रवाई
पॉलीथिन के खिलाफ समय-समय पर नगर परिषद की ओर से कार्रवाई की जाती है। आगामी दिनों में कार्रवाई की जाएगी। साथ ही लोगों को जागरूक किया जाएगा।
– दीपक चौहान, आयुक्त, नगर परिषद गंगापुरसिटी
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