मेडिकल क्षेत्र में बड़े रोजगार सुमन आकोदिया, सरदार प्रजापत, रचना योगी आदि युवाओं ने कहा कि जिले में मेडिकल क्षेत्र में भी रोजगार के अच्छे अवसर है लेकिन जिले मेंं नर्सिंग का एक भी सरकारी कॉलेज नहीं हैं। ऐसे में या तो युवाओं को निजी कॉलेजों में दाखिला लेनापड़ रहा है या फिर कोटा-जयपुर जैसे बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ रहा है। इससे युवाओं पर आथ्र्रिक भारपड़ रहा है और आर्थिेक तंगी के कारण युवा उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। सरकार को जिले में सरकारी नर्सिंग कॉलेज भी शुरू करना चाहिए ताकि स्थानीय स्तर पर ही कम खर्चे में युवा नर्सिंग कर आत्मनिर्भर बन सके।
पर्यटन व होटल इण्ड्रस्ट्री में स्थानीय लोगों को मिले प्राथमिकता मोहनलाल बैरवा,गोविंद साहू, देवेन्दं्र अखण्ड आदि ने बताया कि सवाईमाधोपुर में रणथम्भौर के कारण करोड़ो की होटल व पर्यटन इण्ड्रस्ट्री का संचालन हो रहा है। लेकिन यहां स्थानीय लोगों को कम ही रोजगार मिल पाता है और बाहर से आए लोग रणथम्भौर में अपनी आजीविका का संचालन कर रहे हैं। सरकार को इस संबंध में भी एक विशेष नीति बनानी चाहिए और पर्यटन व होटल इण्ड्रस्ट्री में स्थानीय लोगों के लिए भी एक कोटा निर्धारित करना चाहिए।
स्वरोजगार भी बेहतर विकल्प सावित्री शर्मा, मनीषा शर्मा आदि ने बताया कि आज के जमाने में हर किसी को सरकारी नौकरी मिलना मुश्कि ल है। ऐसे में सरकार को निजी क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार को बढ़ावा देना चाहिए। जिले में महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर, कढ़ाई, सिलाई आदि का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोडऩे की दरकार है।
कौशल विकास व उच्च शिक्षा आवश्यक शैलेन्द्र शर्मा, नईम खान, धर्मेन्द्र जांगिड़ आदि ने बताया कि जिले में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सीतिम विकल्प है। जो विकल्प है वह भी पुरानी परिपाटी के ही है। ऐसे में इस प्रकार की उच्च शिक्षा से भी युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। सरकार को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम को अधिक रोजगार परक बनाना चाहिए साथ ही रोज्रगार परक कौशल विकास पाठ्यक्रमों का भी संचालन करना चाहिए ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सके।