पशु चिकित्सा के कर्मचारी करेंगे गणना
इस बार पशुगणना पशु चिकित्सा कर्मचारी ही करेंगे। नस्लवार पशु गणना होने से कितने पशु है। इसकी जानकारी सहज ही उपलबध हो जाएगी। योजना के तहत तीन महीने में करीब 65 टेबलेट से 105 कर्मचारी पशु गणना करेंगे। एक अधिकारी के अधिन तीन-तीन कर्मचारी काम करेंगे। पशु गणना के दौरान जिस क्षेत्र में इंटरनेट नहीं होगा, वहां डाटा फीडिंग की जाएगी, जो कि सॉफ्टवेयर के प्रोसेस में चला जाएगा। इंटरनेट क्षेत्र में आएंगे तो तुरंत डाटा अपडेट हो जाएगा।
इस बार पशुगणना पशु चिकित्सा कर्मचारी ही करेंगे। नस्लवार पशु गणना होने से कितने पशु है। इसकी जानकारी सहज ही उपलबध हो जाएगी। योजना के तहत तीन महीने में करीब 65 टेबलेट से 105 कर्मचारी पशु गणना करेंगे। एक अधिकारी के अधिन तीन-तीन कर्मचारी काम करेंगे। पशु गणना के दौरान जिस क्षेत्र में इंटरनेट नहीं होगा, वहां डाटा फीडिंग की जाएगी, जो कि सॉफ्टवेयर के प्रोसेस में चला जाएगा। इंटरनेट क्षेत्र में आएंगे तो तुरंत डाटा अपडेट हो जाएगा।
पिछली बार गणना में 8 लाख 57 हजार थे पशु
खास बात ये है कि इसमें बेसहारा मेवेशियों की गणना होगी। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 60 प्रतिशत पशु दुधारू होते है। बाकी पशु दूसरी किस्म के होते है। गत पशु गणना में पशुओं की संख्या 8 लाख 57 हजार थी।
खास बात ये है कि इसमें बेसहारा मेवेशियों की गणना होगी। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 60 प्रतिशत पशु दुधारू होते है। बाकी पशु दूसरी किस्म के होते है। गत पशु गणना में पशुओं की संख्या 8 लाख 57 हजार थी।
35 ही टेबलेट आएटेबलेट आए
सरकार की ओर से पशुपालन विभाग को पशुगणना के लिए 65 टेबलेट उपलब्ध कराए जाने है लेकिन अभी तक केवल 35 टेबलेट ही विभाग के पास पहुंचे है। ऐसे में अभी 35 टेबलेट और आने शेष है।
सरकार की ओर से पशुपालन विभाग को पशुगणना के लिए 65 टेबलेट उपलब्ध कराए जाने है लेकिन अभी तक केवल 35 टेबलेट ही विभाग के पास पहुंचे है। ऐसे में अभी 35 टेबलेट और आने शेष है।
पूर्व में ये करते थे गणना
पूर्व में ग्रामीण क्षेत्रों में पशुगणना पटवारी, ग्रामसेवक, गिरदावर आदि करते थे। इस दौरान गणना में गड़बड़ी हो जाती थी। पशुओं की संख्या की सटीक जानकारी कम ही मिलती थी। ऐसे में सरकार ने इस बार से पशुगणना को ऑनलाइन किया है।
पूर्व में ग्रामीण क्षेत्रों में पशुगणना पटवारी, ग्रामसेवक, गिरदावर आदि करते थे। इस दौरान गणना में गड़बड़ी हो जाती थी। पशुओं की संख्या की सटीक जानकारी कम ही मिलती थी। ऐसे में सरकार ने इस बार से पशुगणना को ऑनलाइन किया है।