जिले में टिड्डियों के दल का करौली, टोंक, बूंदी और मध्यप्रदेश की सीमा से वापस राजस्थान में मूवमेंट देखा गया है। जिले में मूवमेंट के बाद यह दल बुधवार को टोंक जिले की सीमा में चला गया था, लेकिन यह वापस सवाई माधोपुर जिले के बनास नदी क्षेत्र में होते हुए कई गांवों और खेतों में मंडराता दिखाई दिया।
इससे कृषि विभाग की मुस्तैदी और बढ़ गई। टोंक जिले की सीमा से सटे मंडावरा से जिले में चौकड़ी, ईसरदा, सारसोप से महापुरा, नीमोद, राठोद, पीपलवाड़ा, गुड़ला नदी, बहनोली में दल का एक हिस्सा मंडराता नजर आया तो दूसरा हिस्सा एचेर, बगीना, झोंपड़ा, बंधा, जटवाड़ा, कलां, अजनोटी होते हुए बनास नदी क्षेत्र में मंडराता दिखाई दिया। यहां से यह दल भारजा नदी, देवली, कुंडली नदी से होते हुए खाट, पढ़ाना, हिंगोणी, नीनोणी, ओलवाड़ा, बाडोलास, बसो कलां, भूरीपहाड़ी, के जंगलों की ओर मूवमेंट रहा।
दोपहर बाद मोरेल-बनास नदी क्षेत्र के सपोटरा होते हुए करौली की ओर चला गया। करमोदा के कृषि पर्यवेंक्षक विजय जैन ने बताया कि जिले से टोंक की ओर गए दल का फिर हमला हुआ है। यह दल पंद्रह किमी लंबा था।
दल पर नियंत्रण पाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी ख्ेामराज मीना, सोनीराम जोनवाल, प्रभुदयाल मीना, सत्यकुमार सिंह, रामसहाय मीना, कृषि पर्यवेक्षक विजय जैन, राहुल शर्मा, हरिकेश मीना, इमरान खान आदि ट्रेकिंग में जुटे रहे।
शिवाड़. कस्बे में गुरुवार को टिड््िडयों का प्रकोप रहा। एक साथ आए टिड््िडयों के झुण्ड को देखकर किसान चिंतित हो गए। इस दौरान किसानों की ज्वार, बाजरा, सब्जियों के फसलों को नुकसान पहुंचा है। कृषि विभाग के अनुसार गत बुधवार को नैनवा से आया टिड््िडयों का दल गुरुवार को टोंक जिले में पहुंच गया था।
इसके बाद टोंक से उनियारा होते हुए सुबह करीब 11 बजे टिड््िडयों का दल हवा के साथ शिवाड़ पहुंचा। टिड््िडयों को भगाने के लिए किसान परिवार ड्रम, बर्तन आदि बजाते दिखे। करीब 20 मिनट बाद टिड््िडयों का दल उडकऱ बौंली की तरफ चलाया गया। किसान प्रहलाद पटेल, रामस्वरूप माली आदि ने बताया कि टिड््िडयों का इतना बड़ा झुण्ड पहली बार आया है। इससे फसलों को नुकसान
पहुंचा है।