शिकायत पर मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना की लैब में पड़ताल की तो लैब में एक्सरे मशीन खराब होने की बात सही पाई गई। इसी तरह 5 अगस्त से सीबीसी मशीन भी खराब होने की पुष्ठि हुई। इस पर सीएमएचओ ने लैब स्टॉफ से खराब मशीनों को समय पर ठीक नहीं करवाने पर लताड़ लगाई। साथ ही लम्बे समय तक जांच मशीनों के खराब होने की जांच कराने की बात कही। इससे पूर्व सीएमएचओ ने प्रसव कक्ष का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान लेबर रूम में कई कमियां मिली। साथ ही दक्षता की ट्रेनिंग ले चुके चिकित्साकर्मी प्रसव कराने में दक्ष नहीं मिले।
महज दो चिकित्सक
मलारना डूंगर सीएचसी में औसतन पांच सौ से अधिक रोगियों का आउटडोर रहता है। इनके उपचार की जिम्मेदारी केवल दो चिकित्सकों पर है। एक चिकित्सक के प्रशासनिक कार्य में व्यस्त होने पर एक ही चिकित्सक को पांच सौ से अधिक रोगियों को देखना होता है। स्थानीय सीएचसी में लम्बे समय से विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। क्षेत्रीय लोग विभागीय अधिकारियों सहित राजनेताओं से अस्पताल में रिक्त पदों पर चिकित्सक लगाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं हुई है।