ये लिए बड़े प्रस्ताव
बैठक में स्थानीय विधायक दानिश अबरार ने प्रत्येक बैठक की प्रोसिंडिग लिखने व उसकी कार्यों की प्रगति व स्वीकृत राशि का पूूर्ण ब्यौरा सहित सभी पार्षदों को उपलब्ध करवाने, 10 लाख से अधिक राशि के कार्य बोर्ड के समक्ष रखने व सभी की सहमति से करवाने, माह में दो बार कब्रिस्तान व श्मशान की सफाई कराने, पार्षदों की अनुशंषा पर 2 लाख तक के कार्य आयुक्त की ओर से कराने, आवारा जानवरों व बंदरों की समस्या का 10 दिन में निस्तारण करवाने, नाली-नाला, सफाई, पेचवर्क आदि कार्यों की गठित कमेटी कर जांच करवाकर दोषी पाए जाने पर भुगतान रोकने तथा संबंधित के खिलाफ कानूूनी कार्रवाई करने व प्रस्तावित कार्यों के लिए पार्षदों की सहमति लेन, 45 दिन की समयावधि में बोर्ड की बैठक बुलाने, अमृत योजना के तहत स्वीकृत पानी की 6 टंकियों के निर्माण के लिए 3 फरवरी तक जमीन चिह्नित कर जलदाय विभाग के अधिकारियों के साथ सामंजस्य बनाकर अवगत कराने, नगर परिषद की वेबसाइट बनाकर विकास कार्यों की ब्यौरा वेबसाइट पर डालने, ठींगला स्थित डंपिग यार्ड को शिफ्ट करने, नगर परिषद क्षेत्र में सिंगल फेज बोरिंग के मेंटेनेंस पर अब से पूर्व में खर्च किए गए 50 लाख रुपए का ब्यौरा देने व खराब पड़ी सिंगल फेज बोरिंग का सर्वे करने, प्रत्येक वार्ड में 10 लाख के कार्य करवाने का प्रस्ताव सदन में रखा। इस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताए जाने पर उक्त कार्य करवाने के प्रस्ताव लिए गए।
ये बोले प्रतिपक्ष नेता
नगरपरिषद बोर्ड बैठक में कांग्र्रेस के प्रतिपक्ष नेता गिर्राजसिंह गुर्जर ने पहली बार ऐतिहासिक बैठक हुई। जिसमें सभी सदस्यों को बोलने का मौका मिला। इससे पहले उन्होंने कहा कि मेरे वार्ड में सड़क निर्माण के दौरान शिलापट््िटका पर उनका नाम नहीं लिखकर दूसरे पार्षद का नाम लिख दिया। बिना पार्षद को बताए ही मनमर्जी से सड़क का निर्माण कराया दिया गया। उन्होंने वार्डों में सफाई नहीं होने, वार्ड शौच मुक्त नहीं होने कराने की मांग की। सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाया। दशहरा व सांस्कृतिक कार्यक्रम व कवि सम्मेलन बिना पार्षद व बोर्ड के अनुमोदन नहीं कराने का आरोप लगाया।
जनसुनवाई भी की
बैठक के दौरान विधायक दानिश अबरार ने लोगों की समस्याएं भी सुनी। इससे पहले ढाई घंटे बाद नगरपरिषद पार्क में जनसुनवाई हुई। इसके बाद शहरवासियों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर विधायक को ज्ञापन सौंपा।
बिना बताए ही टंकी निर्माण पर नाराजगी
बैठक में मानटाउन क्षेत्र में पेयजल टंकियों के निर्माण का भी मुद््दा उठाया गया। इस दौरान जलदाय विभाग के सहायक अभियंता सरजनसिंह को पेयजल टंकी निर्माण में आ रही समस्याओं के बारे में पूछा, तो उन्होंने जगह नहीं मिलने की समस्या बताई।
खामोश बैठी रहीं सभापति
नगरपरिषद बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने सदन के समक्ष कई सवाल दागे एवं आरोप लगाए, लेकिन सभापति पूरी बैठक में खामोश बैठी रही। उन्होंने पार्षदों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पूरी बैठक में नगरपरिषद आयुक्त रविन्द्रङ्क्षसह ही सवालों के जवाब देते दिखे।
विधायक ने किया विकास का निर्णय
सवाईमाधोपुर. बैठक में स्थानीय विधायक दानिश अबरार की मौजूदगी में नगर परिषद क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में बिना भेदभाव के साढ़े 4 करोड़ की राशि से विकास कार्य करवाने का निर्णय किया गया। बैठक की आगाज आयुक्त रविंदसिंह यादव ने गत बैठक का प्रतिवेदन सदन के सामने रखा। इस दौरान वार्ड पार्षदों ने वार्डों में स्वीकृत विकास कार्यों में भेदभाव करने का आरोप लगाया। अबरार ने कहा कि जनता की सेवा करनी ही हमारा कर्म व धर्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज से पूर्व वार्डों में विकास कार्य करवाने में भेदभाव हुआ, लेकिन अब सरकार बदल गई है। उन्होंने ये भी कहा कि शहर के लोगों के लिए 8 माह के भीतर पांच बड़ी पेयजल टंकियां बनेंगी। बैठक में नगर परिषद उपसभापति कपिल जैन, नगर परिषद के अधिकारी-कर्मचारी आदि मौजूद थे।
ये बोले पार्षद
नगरपरिषद बोर्ड की बैठक में वार्ड नं 23 के निर्दलीय पार्षद तनवीर ने शहर में कब्रिस्तान व श्मशान में विकास कार्य का मुद््दा उठाया। उन्होंने कहा कि नगरपरिषद की ओर से कब्रिस्तान की चारदीवारी में मृत मवेशियों को डाला जा रहे है। इस पर रोक लगनी चाहिए।
वार्ड नं.17 भाजपा पार्षद दीपक चौधरी ने निर्माण स्वीकृति व पट््टा जारी कराने की मांग की।
वार्ड नं 39 के भाजपा पार्षद प्रणव गौतम ने सभापति पर निर्माण स्वीकृति व पट््टों पर हस्ताक्षर नहीं करने एवं फाइल को कई महीनों तक लम्बित रखने तथा इसके बाद फाइल गुम होने का आरोप लगाया।
वार्ड नं.4 के कांग्रेस पार्षद शैलेन्द्र चौधरी ने ठिंगला के पास आबादी क्षेत्र में कचरा डिपो की समस्या सदन में रखी। उन्होंने कहा कि कई बार कचरा डिपो से आग लगने से लोग धुएं से प्रभावित होते है। कचरा डिपो को तुरंत प्रभाव से बंद करने की मांग की।
वार्ड नं. 33 कांग्रेस पार्षद विमल महावर ने कहा कि बरसाती नालों की सफाई हुए बिना ही ठेकदारों को लाखों रुपए के चेक काट दिए गए। इसकी जांच होनी चाहिए।