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रणथम्भौर में टाइगर का अटैक, पहले वनकर्मियों पर हमला…वे बाल-बाल बचे, फिर चरवाहे की ली जान

locationसवाई माधोपुरPublished: Jan 07, 2021 08:03:02 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

रणथम्भौर बाघ परियोजना की बालेर रेंज के कानेटी बीहड़ों में गुरुवार को बाघ ने एक चरवाहे पर हमला कर दिया। हमले में पप्पू गुर्जर (40) की मौत हो गई। बाघ ने चरवाहे की गर्दन दबोच लिया था।

man killed in tiger Attack in Ranthambore Sawai Madhopur

रणथम्भौर बाघ परियोजना की बालेर रेंज के कानेटी बीहड़ों में गुरुवार को बाघ ने एक चरवाहे पर हमला कर दिया। हमले में पप्पू गुर्जर (40) की मौत हो गई। बाघ ने चरवाहे की गर्दन दबोच लिया था।

सवाईमाधोपुर। रणथम्भौर बाघ परियोजना की बालेर रेंज के कानेटी बीहड़ों में गुरुवार को बाघ ने एक चरवाहे पर हमला कर दिया। हमले में पप्पू गुर्जर (40) की मौत हो गई। बाघ ने चरवाहे की गर्दन दबोच लिया था। हालांकि इस घटना से कुछ देर पहले इसी बाघ ने वहां ट्रेकिंग कर रही वन विभाग की टीम के एक वनकर्मी पर भी हमला किया था, लेकिन वनकर्मी बाल-बाल बच गया। उसने करीब 20 फीट ऊंची बीहड़ से कूदकर अपनी जान बचाई। वह अन्य वनकर्मियों के साथ तुरंत गांव की ओर आ गया। फिर लोगों को वहां नहीं जाने के लिए आगाह किया था। पर चरवाहा पहले से ही बीहड़ इलाके में था। वह बकरियों को ला रहा था। इस बीच टाइगर ने हमला कर दिया। उधर, सूचना के बाद वन विभाग की टीम व अधिकारी मौके पर पहुंचे और युवक के शव को कब्जे में लिया। जानकारी के अनुसार वन विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में चिकित्सकों ने खण्डार अस्पताल में मृतक पप्पू गुर्जर (40) के शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

बकरियां लौट आई…चरवाहा नहीं लौटा तो हुई अनहोनी की आशंका
परिजनों के मुताबिक पप्पू गुर्जर रोजाना की तरह सुबह करीब नौ बजे बकरियों का झुंड लेकर बनास नदी के बीहड़ इलाके में चराने गया था। दोपहर को सभी बकरियां घर को लौट आई, लेकिन चरवाहा घर नहीं लौटा। गांव में पहले से ही टाइगर के मूवमेंट की खबर फैल चुकी थी। परिजनों ने चरवाहे के मोबाइल फोन पर फोन किया तो कोई जवाब नहीं मिला। इससे उन्हें अनहोनी की आशंका हो गई। वे गांव के लोगों को लेकर गांव से करीब एक किलोमीटर दूर बीहड़ों के पास स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे, वहां कुछ दूरी पर ही पप्पू गुर्जर का शव खून से लतपथ हाल में पड़ा था। घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया।
दो दिन से बना था टाइगर मूवमेंट
कानेटी गांव के आसपास व खेतों में बाघ का बुधवार से ही मूवमेंट बना हुआ था। वन विभाग की ओर से बाघ की लगातार टे्रकिंग भी कराई जा रही थी। इसके लिए वनकार्मिकों के दल ने आस-पास के क्षेत्र में फोटो टे्रप कैमरे भी लगाए थे। हालांकि वन विभाग की टीम अब तक हमलावर बाघ कौनसा है। इसकी पुष्टि नहीं कर सकी है। वहीं कैमरों में बाघ की फोटो कैद नहीं हुई। फोटो आने के बाद ही बाघ कौनसा है। इसकी पुष्टि हो सकेगी।
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