चेतना अग्रवाल ने गणपति है सेठ रिद्धि-सिद्धि है सेठानी रे भजन सुनाया। इसी तरह कमलेश जायसवाल ने ‘मेरे लाडले गणेश प्यारे-प्यारेÓ के माध्यम से गणपति वंदना की। मुम्बई से आए गायक सावन कुमार ने गणपति के दर पर आकर भाग्य जगा ले रे
भजन से श्रोताओं की वाही-वाही बटोरी। भरतूनिया ने सांचा है दरबार तेरा गणपति बप्पा भजन से गजानन की वंदना की। लहरी म्यूजिकल ग्रुप जयपुर के गायकों ने वाद्य यंत्रों से भजन संध्या में शोभा बढ़ाई। तड़के चार बजे तक चली भजन संध्या में श्रोता झूमते हुए भजनों का आनंद लेते रहे। इसके बाद प्रसाद का वितरण
किया गया।
कबीर की लोकप्रियता से गांव के कुछ विद्वान उनसे ईष्र्या करने लगे। एक ने सोचा, इसे तो वेदों का कुछ भी ज्ञान नहीं और न ही मंत्रों का उच्चारण ठीक से कर पाता है, फिर भी यह इतना लोकप्रिय है। ऐसे तो हमारे पास कोई भी नहीं आएगा। उसने कबीर के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा और शहर की एक स्त्री को कबीर की सभा में भेजा। वह पैसों के लालच में तैयार हो गई और भरी सभा में बोली- ‘मेरा और कबीर का जन्म-जन्मांतर का बंधन है।Ó उसे देखते ही कबीर आसन से उठकर उसके पास आये और उसके पैरों में गिरकर बोले- ‘मां, मैं कब से आपकी प्रतीक्षा में था। मैं आपकी चरण सेवा करना चाहता हूं।Ó कबीर की ऐसी मधुर वाणी सुनकर वह वहां से चली गई। एक भक्त के पूछने पर कबीर ने समझाया- ‘मेरे भाई, मैं तो स्वयं को परख रहा था कि जो मैं बोलता हूं, क्या उस पर अमल भी करता हूं!
बहरावण्डा खुर्द. कस्बे में स्थित माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर परिसर में जिला महिला पतंजलि योग समिति के तत्वावधान में चल रहे तीन दिवसीय महिला रोग योग शिविर के पहले दिन सोमवार को कस्बे सहित कॉलोनी व अल्लापुर की करीब 50 ग्रामीण महिलाओं ने शिविर में भाग लिया। पतंजलि किसान संघ समिति के जिला प्रभारी सुमेर सिंह ने बताया कि योग प्रशिक्षिका वंदना शर्मा के नेतृत्व में उपस्थित महिलाओं और बालिकाओं ने योग के गुर सीखे तथा मोटापा, जोड़ो के दर्द, शरीर की गांठ, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप, मधुमेह सहित विभिन्न रोगों को दूर करने के प्राणायाम, व्यायाम, आसन एवं योग किए। उन्होंने बताया कि शिविर दो दिन और चलेगा।