इस मौके पर आलनपुर स्थित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी के संत भवन में विराजित आचार्य ज्ञानसागर की शिष्या आर्यिका विजितमती ने संयमित जीवन जीने का संदेश दिया। वहीं आर्यिका अंतसमति माता ने कहा कि आत्म स्वरूप का भान कराने वाली नेमिनाथ की वाणी (जिनवाणी) हमारे सामने विद्यमान है। इससे व्यक्ति मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर हो सकता है।
सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से रविवार से 8 दिवससीय अष्टान्हिका महापर्व श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। इस दौरान नन्दीश्वरदीप, पंचमेरू की पूजा-अर्चना, स्वाध्याय, जाप, पाठ होंगे।