परिषद का व्यावसायिक एवं आवासीय भवन मालिकों पर लाखों रुपए राजस्व बकाया चल रहा है। इससे एक ओर परिषद को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। परिषद ने भवन मालिकों को पूर्व में नोटिस थमाए थे लेकिन इनका कोई असर नहीं पड़ा।
नहीं दिखा रहे रूचि
भवन मालिक भी सरकारी नियमों की अनदेखी कर रहे है। परिषद के अनुसार राज्य सरकार की ओर से नगरीय विकास कर अप्रेल 2007-08 से लागू किया गया था लेकिन सख्ती के अभाव में भवन मालिक कर जमा कराने में रुचि नहीं दिखा रहे। यही वजह है कि परिषद के अब तक अप्रेल 2018 से मार्च 2019 तक 41 लाख 8 हजार 388 रुपए बकाया चल रहे हैं।
भवन मालिक भी सरकारी नियमों की अनदेखी कर रहे है। परिषद के अनुसार राज्य सरकार की ओर से नगरीय विकास कर अप्रेल 2007-08 से लागू किया गया था लेकिन सख्ती के अभाव में भवन मालिक कर जमा कराने में रुचि नहीं दिखा रहे। यही वजह है कि परिषद के अब तक अप्रेल 2018 से मार्च 2019 तक 41 लाख 8 हजार 388 रुपए बकाया चल रहे हैं।
स्मार्टराज प्रोजेक्ट के तहत कराया सर्वे
राज्य सरकार की ओर से स्मार्टराज प्रोजेक्ट के तहत शहरी क्षेत्र में लोगों के मकानों एवं भवनों की सम्पत्तियों का सर्वे कराया गया था। इसमें नगरीय विकास कर के दायरे में आ रहे 584 भवनों का इन्द्राज किया गया है। इसके बाद नगर परिषद को उन भवनों की स्थिति का पता चला है।
राज्य सरकार की ओर से स्मार्टराज प्रोजेक्ट के तहत शहरी क्षेत्र में लोगों के मकानों एवं भवनों की सम्पत्तियों का सर्वे कराया गया था। इसमें नगरीय विकास कर के दायरे में आ रहे 584 भवनों का इन्द्राज किया गया है। इसके बाद नगर परिषद को उन भवनों की स्थिति का पता चला है।
अब तक 584 भवनों की फाइल तैयार
परिषद अधिकारियों ने बताया कि स्मार्टराज प्रोजेक्ट के तहत प्राप्त सर्वे रिपोर्ट की जांच की गई। इसमें करीब 584 भवन नगरीय विकास कर के दायरे में पाए गए। परिषद ने सभी को पूर्व में नोटिस भी थमाए थे लेकिन अब तक केवल 44 व्यक्तियों ने ही कर जमा कराया है।
परिषद अधिकारियों ने बताया कि स्मार्टराज प्रोजेक्ट के तहत प्राप्त सर्वे रिपोर्ट की जांच की गई। इसमें करीब 584 भवन नगरीय विकास कर के दायरे में पाए गए। परिषद ने सभी को पूर्व में नोटिस भी थमाए थे लेकिन अब तक केवल 44 व्यक्तियों ने ही कर जमा कराया है।
इन साइज के भवन दायरे में
परिषद अधिकारियों ने बताया कि 100 वर्ग गज से ज्यादा के व्यावसायिक एवं 300 वर्ग गज से ज्यादा के आवासीय भवनों पर नगरीय विकास कर लागू होता है। अब तक केवल 8 लाख जमा
नगरपरिषद के राजस्व अधिकारियों की ढिलाई के चलते वित्तीय वर्ष 2018-19 के लक्ष्य भी पूरे नहीं हो सकें है। एक साल में केवल आठ लाख 31 हजार 472 रुपए ही जमा हो सकें है, जबकि अभी तक लगभग 41 लाख रुपए से अधिक की वसूली बाकी है।
परिषद अधिकारियों ने बताया कि 100 वर्ग गज से ज्यादा के व्यावसायिक एवं 300 वर्ग गज से ज्यादा के आवासीय भवनों पर नगरीय विकास कर लागू होता है। अब तक केवल 8 लाख जमा
नगरपरिषद के राजस्व अधिकारियों की ढिलाई के चलते वित्तीय वर्ष 2018-19 के लक्ष्य भी पूरे नहीं हो सकें है। एक साल में केवल आठ लाख 31 हजार 472 रुपए ही जमा हो सकें है, जबकि अभी तक लगभग 41 लाख रुपए से अधिक की वसूली बाकी है।
कलक्टर के आदेशों की अवहेलना
नगरपरिषद विकास कर वसूली में नगरपरिषद अधिकारी जिला कलक्टर के आदेशों की भी अवहेलना कर रहे है। जिला कलक्टर ने गत दिनों विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर 15 मार्च तक बकाएदारों से वसूलने करने के निर्देश दिए थे लेकिन नगरपरिषद अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।
…………..
सीज की होगी कार्रवाई
समय पर नगरीय विकास कर जमा नहीं कराने वाले बकाएदारों को नोटिस दे चुके है। अब सीज की कार्रवाई होगी।
चन्द्रकला वर्मा, राजस्व अधिकारी, नगरपरिषद सवाईमाधोपुर
नगरपरिषद विकास कर वसूली में नगरपरिषद अधिकारी जिला कलक्टर के आदेशों की भी अवहेलना कर रहे है। जिला कलक्टर ने गत दिनों विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर 15 मार्च तक बकाएदारों से वसूलने करने के निर्देश दिए थे लेकिन नगरपरिषद अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।
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सीज की होगी कार्रवाई
समय पर नगरीय विकास कर जमा नहीं कराने वाले बकाएदारों को नोटिस दे चुके है। अब सीज की कार्रवाई होगी।
चन्द्रकला वर्मा, राजस्व अधिकारी, नगरपरिषद सवाईमाधोपुर