खिरनी कस्बे के निकट मेदपुरा गांव का की एक विधवा गरीबी का दंश झेल रही है। विधवा उगन्ती मीणा ने बताया कि उनके पति भरतलाल मीणा के लंबे समय तक बीमारी से जूझने के बाद आठ साल पहले मौत हो गई। कम उम्र में बच्चों का बोझ विधवा महिला के सिर पर आ गया। अब वह किसी तरह से दिहाड़ी मजदूरी कर घर का खर्च चला रही है। घर में एक बेटी व एक बेटा है। लंबे समय से कच्चे मकान में रह रहा विधवा का परिवार अंधेरे में अपनी जिंदगी काट रहा है। बिजली कनेक्शन है न ही बीपीएल कार्ड बना हुआ है। घर में केवल मिट्टी से बना एक कमरा है। वह भी रविवार को आई बारिश से एक दीवार ढह गई। गनीमत यह रही कि पूरा परिवार कमरे के दूसरी ओर सो रहा था। पीडि़त परिवार ने बताया उनकी एक बेटी है, जिसको वह बीए फस्र्ट ईयर में मजदूरी कर पढ़ा रही है तो वहीं बेटा आईटीआई कर रहा है।
ऐसा नहीं है कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत पाने के लिए अधिकारियों का दरवाजा नहीं खटखटाया। विधवा महिला दो साल से कई बार अधिकारियों को अपने मकान की दयनीय हालत को लेकर मिल चुकी है, लेकिन किसी ने भी उसकी पीड़ा समझने की जहमत नहीं उठाई। यहां तक की गांव में पक्की छत के लिए सर्वे करने आए कर्मचारियों को भी उसने अपने घर की दशा दिखाई, लेकिन उसकी किसी ने एक न सुनी। सरपंच व ग्राम पंचायत सचिव से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक ग्रामीण इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन गरीबों की सुनवाई नहीं हो रही है।
विधवा महिला के पास न तो जमीन है और न ही रोजी रोटी का कोई अन्य सहारा है। पीडि़त परिवार के प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम होने के दो साल गुजरने के बाद भी अभी तक गरीबों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में पीडि़ता ने जिला कलक्टर से प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा पास करवाने की मांग की है।
2011 की जनगणना के अंतर्गत आर्थिक रूप से पीडि़त परिवार का नाम है तो उसे तुरंत प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके अलावा उच्च अधिकारियों से बात कर पीडि़त को लाभ दिलाने की कोशिश करेंगे
धूल चंद मीणा, ग्राम विकास अधिकारी, खिरनी
धूल चंद मीणा, ग्राम विकास अधिकारी, खिरनी