पूरे पहाड़ी इलाके में अब गोवंश को भूख मिटाने के लिए चारा एवं घास-फूंस कुछ भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में भूख प्यास से निढाल हुआ गोवंश धीरे धीरे दम तोडऩे लगा है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र में जगह जगह गोवंश के कंकाल नजर आने लगे हैं। उनका कहना है कि यदि शीघ्र ही प्रशासन द्वारा गोवंश के लिए चारे-पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो स्थिति गत वर्ष से भी भयावह हो सकती है।
स्थानीय ग्रामीण कमल भगत, सौदान बाबा, रामकेश पोसवाल आदि ने बताया कि वे इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक को भी कई बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन उन्होंने एक बार भी डूंगरपट्टी पहुंचकर गोवंश की वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास नहीं किया। चुनावी फेर में कोई अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि गोवंश की पुकार नहीं सुन रहे हैं।