उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा योजनाओं के जरिए से आमजन को लाभान्वित करने की है। हम भी जनता के बीच आकर लोगों की पीड़ा को सुन रहे हैं। सरकार की भावना को जानकर अधिकारियों को भी जनता के हितों के कामों को प्राथमिकता से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां पर जो भी परिवेदनाएं आई हैं, उनका 15 दिन में निस्तारण किया जाए।मंत्री ने चेतावनी दी कि लापरवाह अधिकारियों -कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से अब गुरेज नहीं किया जाएगा। इस दौरान प्रभारी सचिव ने सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए जनता को लाभान्वित करने को कहा।
पंचायत समिति मुख्यालय स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्र के बाहर शामियाना लगाकर प्रभारी मंत्री जाटव ने जन सुनवाई की। प्रभारी सचिव समित शर्मा, जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार विश्नोई सहित शिक्षा, चिकित्सा, जलदाय विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, राजस्व सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
बजरी का मुद्दा रहा हावी जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने शिकायत की कि यहां बजरी की कोई लीज नहीं है। इसके बावजूद कथित ठेकेदार के लोग रात में अवैध बजरी परिवहन कराते हैं। वे वाहनों में अवैध हथियार लेकर घूमते है। बनास नदी के पास बसे गांवों में जाकर लोगों धमकाते हैं। ग्रामीणों ने बजरी के अवैध खनन में खनिज विभाग के अफसरों व कार्मिकों की मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि बनास नदी से ट्रकों में ओवरलोड अवैध बजरी भरकर खूब ले जाई जाती है। इन्हें पुलिस भी नहीं रोकती। यह बाहर के लोग हैं। अभी तक पुलिस ने इनकी पहचान भी नहीं कर पाई है। इस पर प्रभारी मंत्री ने खनिज अधिकारियों को बुलाया, लेकिन खनिज अधिकारी नहीं आए। इस पर उन्होंने कलक्टर, एसपी से कथित बजरी ठेकेदार की मनमानी को लेकर पूछताछ की। जवाब में एसपी ने कहा कि इस सम्बंध में किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी। इसके बाद ग्रामीणों ने मौके पर ही लिखित शिकायत दी। इस पर मंत्री ने ठेकेदार के ओवरलोड बजरी ट्रकों को बंद करने के निर्देश एसपी को दिए।
ये भी आईं समस्याएं किसानों ने अघोषित बिजली कटौती को लेकर भी शिकायत की। सांकड़ा के हरिरामपुरा से पहुंचे ग्रामीणों ने सांकड़ा से हरिरामपुरा के बीच का रास्ता खुलवाने की मांग की। इस पर तहसीलदार ने बताया कि पुलिस जाब्ता नहीं मिल रहा है। मंत्री ने एसपी को पुलिस जाब्ता उपलब्ध करवाने के निर्देश देते हुए 23 जनवरी तक हर हाल में रास्ता खुलवाने के निर्देश दिए। इसी तरह मलारना डूंगर के बैरवा समाज ने अम्बेडकर पार्क के लिए आवंटित भूमि पर जबरदस्ती किसी व्यक्ति विशेष को पट्टा जारी करने की शिकायत की। इसके अलावा गांवो में रास्तों पर अतिक्रमण की भी शिकायतें मिली।