जिसे पहन कर ड्यूटी में तैनात जवान या अधिकारी पूरे घटनाक्रम कैद कर लेंगे। शांति बहाली के बाद पुलिस फुटेज के आधार पर आसानी से आरोपित की पहचान कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पाएगी। विदेशों की तर्ज पर राजस्थान में सरकार पुलिस को अपग्रेड करते हुए उन्हें अत्यधिक संसाधन मुहैया करा रही है। थाना भवनों की दशा सुधारने व हर काम ऑनलाइन होने के बाद अब पुलिस को और मजबूत बनाया जा रहा है।
इससे पूर्व संभाग मुख्यालय पर ड्रॉन व सभी थानों में कैमरे उपलब्ध कराए गए थे। हर जिले में अभय कमांड सेंटर स्थापित किया है, जो कि सीधे संभाग मुख्यालय से कनेक्टेड होंगे तथा संभाग जयपुर मुख्यालय से
कनेक्टेड होंगे।
पहचान में आसानी
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि किसी भी स्थान पर बलवा या हुड़दंग होने पर भीड़ बेकाबू हो जाती है। लाठीचार्ज या पथराव के बीच कई घायल होते हैं। आक्रोशित भीड़ पुलिस व दूसरे पक्ष पर पथराव या हमला करते हैं। ऐसी स्थिति में बेकाबू हालत को नियंत्रण करने वाले सशस्त्र जवान कैमरायुक्त हैलमेट पहनेंगे तो पूरा घटनाक्रम के साथ आरोपितों की फोटो भी कैद हो जाएगी। ऐसी स्थिति में पुलिस आसानी से आरोपितों की पहचान कर सकेगी।
फोल्डिंग स्ट्रेचर भी
सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं के ग्राफ को कम करने के लिए संबंधित विभागों एवं पुलिस को निर्देश दिए हंै कि वे दुर्घटना संभावित जोन को चिह्नित कर उसमें सुधारात्मक काम करें। पुलिसकर्मियों को घायलों को बचाने की ट्रेनिंग लेते हुए उन्हें त्वरित अस्पताल पहुंचाने के लिए निर्देश दिए है। अब मुख्यालय ने राज्य के समस्त थाना पुलिस को मेडिकल किट के साथ ही फोल्डिंग स्ट्रेचर उपलब्ध कराया है। ये पुलिस वाहन में रहेंगे, जिससे पुलिस को एम्बुलेंस से पूर्व घायल को उठाकर त्वरित अस्पताल पहुंचाने में काम ले सकें। इसके अलावा थानों में निर्धनों को कानून की जानकारी देने वाले बोर्ड भी लगाए जाएंगे।
सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं के ग्राफ को कम करने के लिए संबंधित विभागों एवं पुलिस को निर्देश दिए हंै कि वे दुर्घटना संभावित जोन को चिह्नित कर उसमें सुधारात्मक काम करें। पुलिसकर्मियों को घायलों को बचाने की ट्रेनिंग लेते हुए उन्हें त्वरित अस्पताल पहुंचाने के लिए निर्देश दिए है। अब मुख्यालय ने राज्य के समस्त थाना पुलिस को मेडिकल किट के साथ ही फोल्डिंग स्ट्रेचर उपलब्ध कराया है। ये पुलिस वाहन में रहेंगे, जिससे पुलिस को एम्बुलेंस से पूर्व घायल को उठाकर त्वरित अस्पताल पहुंचाने में काम ले सकें। इसके अलावा थानों में निर्धनों को कानून की जानकारी देने वाले बोर्ड भी लगाए जाएंगे।
पुलिस को मिलेगी मदद
पुलिस मुख्यालय ने सूक्ष्म कैमरे लगे हैलमेट खरीदे हैं, जो जल्द ही उपलब्ध होंगे। शुरुआत में जिले को पांच हैलमेट मिलेंगे, इससे पुलिस को काफी मदद मिलेगी। इससे पथराव, हुड़दंग के दौरान आरोपितों की पहचान में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मामनसिंह, पुलिस अधीक्षक, सवाईमाधोपुर।
पुलिस मुख्यालय ने सूक्ष्म कैमरे लगे हैलमेट खरीदे हैं, जो जल्द ही उपलब्ध होंगे। शुरुआत में जिले को पांच हैलमेट मिलेंगे, इससे पुलिस को काफी मदद मिलेगी। इससे पथराव, हुड़दंग के दौरान आरोपितों की पहचान में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मामनसिंह, पुलिस अधीक्षक, सवाईमाधोपुर।