पार्षदों की संख्या बढ़ेगी
नगरपरिषद के वार्डों के परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या भी बढ़ गई है। वर्तमान बोर्ड में 45 वार्ड हैं। परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या में इजाफा हुआ है। शहर में वार्ड 45 से बढक़र 60 हो गए हैं। ऐसे में आगामी वर्ष में होने वाले निकाय चुनाव के बाद पार्षदों की संख्या 45 के स्थान पर 60 हो जाएगी।
संगीता के सिर बंधा था ताज
गत चुनाव में नगरपरिषद सभापति का पद सामान्य (महिला) था। इसके चलते पूर्व सभापति हरिप्रसाद बोहरा की पुत्र वधु संगीता बोहरा और पूर्व पालिकाध्यक्ष गीतादेवी नरूका ने सभापति पद के लिए भाग्य आजमाया था। अगस्त 2015 में हुए चुनाव में दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। एक मत से संगीता बोहरा के सिर सभापति का ताज सजा था।
बदलेंगे समीकरण
वार्डों के पुर्नसीमांकन और सीट सामान्य होने के बाद राजनीतिक समीकरण कुछ बदलेंगे। अब सामान्य वर्ग के ज्यादा दावेदार मैदान में आने की संभावना है। रविवार को लॉटरी निकलने के बाद लोग शहर की सरकार बनने को लेकर तमाम चर्चाएं करते नजर आए। खास तौर से सामान्य सीट रहने से सामान्य वर्ग के लोगों में इसको लेकर दिलचस्पी देखी गई।
नए लोगों को मिलेगा मौका
वार्डों की संख्या में इजाफा होने के साथ नगरपरिषद का क्षेत्र का दायरा भी बढ़ा है। अब सामान्य सीट के बाद सभी वर्ग से ज्यादा प्रत्याशियों के भाग्य आजमाने की संभावना बलवती होती नजर आ रही है। वार्ड बढऩे के बाद से नगरपरिषद का शहरी क्षेत्र बढ़ा है। ऐसे में अब नए वार्डों से भी सभापति पद के लिए दावेदार सामने आ सकते हैं।
अब तक ऐसे रही सीट
वर्ष 2005 सामान्य महिला
वर्ष 2010 सामान्य
वर्ष 2015 सामान्य महिला
वर्ष 2020 सामान्य