श्री विद्या अनुशिक्षण केन्द्र के नाम से संचालित होनी थी कक्षाएं
देश के सरकारी व बैंकिंग क्षेत्र में हर वर्ष हजारों रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। चयनित युवाओं को इन परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए यह निर्देश जारी किए गए थे। इसमें विशेषज्ञोंं द्वारा युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में विशेषज्ञों द्वारा उपयोगी टिप्स देने के लिए यह कक्षाएं लगाई जानी थी लेकिन दो साल बाद भी महाविद्यालयों में यह कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई हैं।
इनकी मिलनी की थी कोचिंग
योजना के तहत युवाओं को नेशनल डिफेंस एकडमी, सीडीएस, आरपीएससी जैनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की सुविधा मिलनी थी। इसके अलावा प्रतिरक्षा सेवाएं, वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, प्रशासनिक व बाजारोन्नमुखी तात्कालिक आवश्यक सेवाओं की परीक्षाओं के लिए दीर्घ एवं लघु अवधि के पाठ्यक्रम स्ववित्तपोशी प्रतिमान में संचालित किए जाने थे।
फीस ज्यादा भरोसा कम
कॉलेज से जुड़े सूत्रों के अनुसार योजना विद्यार्थियों को आकर्षित नहीं कर पाई। कोचिंग में स्ववित्तपोशी वाला नियम लागू होने के कारण योजना नहीं चल पाई। योजना के तहत करीब एक दर्जन से अधिक छात्र- छात्राओं ने आवेदन तो किया लेकिन कोचिंग के १५ दिन के करीब पांच हजार रुपए फीस होने के कारण विद्यार्थियों ने योजना में रुचि ही नहीं दिखाई। इसके अलावा सरकारी मशीनरी लोगों का भरोसा भी नहीं जीत पाई। एक तो कोचिंग बाजार के मुकाबले में कम समय के लिए अधिक फीस का प्रावधान रखा गया। साथ ही प्रतियोगी छात्र भी बेहतर कोचिंग व सफलता के प्रति आश्वस्त नहीं रहे। बाजार में कोचिंग की प्रति विषय फीस साड़े तीन से चार हजार रुपए है। इस तरह दो विषयों में करीब तीन माह तक कोंचिंग सात से आठ हजार रुपए में की जा सकती है जबकि अनुश्री योजना के तहत १५-१५ दिन की कोचिंग के एवज में ही १२००० रुपए शुल्क वसूलने का प्रावधान था।
दो वर्ष में भी नहीं हुआ डाटा बेस तैयार
योजना के तहत राजकीय महाविद्यालयों मेें श्री विद्या अनुशिक्षण केन्द्र पर अध्यापन कार्य कराने के लिए विषय विशेषज्ञों का पंजीकरण व डाटा बेस बनाकर ३० नवम्बर २०१५ तक आयुक्जालय को भेजना था इसके बाद ही कक्षाएं शुरू होनी थी लेकिन दो वर्ष बाद भी डाटाबेस तैयार नहीं हो पाया।
इनका कहना है….
महाविद्यालय में श्री विद्या अनुशिक्षण केन्द्र शुरू करने के लिए २०१५ में निर्देश आए थेब लेकिन विद्यार्थियों ने इसमें ज्यादा रुचि नहीं दिखाई ऐसे में यह कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई है।
– डॉ. ओपी शर्मा, प्रभारी, श्री विद्या अनुशिक्षण केन्द्र, पीजी कॉलेज, सवाईमाधोपुर।
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है अब हम प्रशिक्षण कार्यक्र म को जल्द रूसा के अन्तर्गत शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।
– डॉ. हरलाल मीणा, प्राचार्य, शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय, सवाईमाधोपुर।
फीस ज्यादा भरोसा कम
कॉलेज से जुड़े सूत्रों के अनुसार योजना विद्यार्थियों को आकर्षित नहीं कर पाई। कोचिंग में स्ववित्तपोशी वाला नियम लागू होने के कारण योजना नहीं चल पाई। योजना के तहत करीब एक दर्जन से अधिक छात्र- छात्राओं ने आवेदन तो किया लेकिन कोचिंग के १५ दिन के करीब पांच हजार रुपए फीस होने के कारण विद्यार्थियों ने योजना में रुचि ही नहीं दिखाई। इसके अलावा सरकारी मशीनरी लोगों का भरोसा भी नहीं जीत पाई। एक तो कोचिंग बाजार के मुकाबले में कम समय के लिए अधिक फीस का प्रावधान रखा गया। साथ ही प्रतियोगी छात्र भी बेहतर कोचिंग व सफलता के प्रति आश्वस्त नहीं रहे। बाजार में कोचिंग की प्रति विषय फीस साड़े तीन से चार हजार रुपए है। इस तरह दो विषयों में करीब तीन माह तक कोंचिंग सात से आठ हजार रुपए में की जा सकती है जबकि अनुश्री योजना के तहत १५-१५ दिन की कोचिंग के एवज में ही १२००० रुपए शुल्क वसूलने का प्रावधान था।
कॉलेज से जुड़े सूत्रों के अनुसार योजना विद्यार्थियों को आकर्षित नहीं कर पाई। कोचिंग में स्ववित्तपोशी वाला नियम लागू होने के कारण योजना नहीं चल पाई। योजना के तहत करीब एक दर्जन से अधिक छात्र- छात्राओं ने आवेदन तो किया लेकिन कोचिंग के १५ दिन के करीब पांच हजार रुपए फीस होने के कारण विद्यार्थियों ने योजना में रुचि ही नहीं दिखाई। इसके अलावा सरकारी मशीनरी लोगों का भरोसा भी नहीं जीत पाई। एक तो कोचिंग बाजार के मुकाबले में कम समय के लिए अधिक फीस का प्रावधान रखा गया। साथ ही प्रतियोगी छात्र भी बेहतर कोचिंग व सफलता के प्रति आश्वस्त नहीं रहे। बाजार में कोचिंग की प्रति विषय फीस साड़े तीन से चार हजार रुपए है। इस तरह दो विषयों में करीब तीन माह तक कोंचिंग सात से आठ हजार रुपए में की जा सकती है जबकि अनुश्री योजना के तहत १५-१५ दिन की कोचिंग के एवज में ही १२००० रुपए शुल्क वसूलने का प्रावधान था।
दो वर्ष में भी नहीं हुआ डाटा बेस तैयार
योजना के तहत राजकीय महाविद्यालयों मेें श्री विद्या अनुशिक्षण केन्द्र पर अध्यापन कार्य कराने के लिए विषय विशेषज्ञों का पंजीकरण व डाटा बेस बनाकर ३० नवम्बर २०१५ तक आयुक्जालय को भेजना था इसके बाद ही कक्षाएं शुरू होनी थी लेकिन दो वर्ष बाद भी डाटाबेस तैयार नहीं हो पाया।
इनका कहना है….
महाविद्यालय में श्री विद्या अनुशिक्षण केन्द्र शुरू करने के लिए २०१५ में निर्देश आए थेब लेकिन विद्यार्थियों ने इसमें ज्यादा रुचि नहीं दिखाई ऐसे में यह कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई है।
– डॉ. ओपी शर्मा, प्रभारी, श्री विद्या अनुशिक्षण केन्द्र, पीजी कॉलेज, सवाईमाधोपुर।
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है अब हम प्रशिक्षण कार्यक्र म को जल्द रूसा के अन्तर्गत शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।
– डॉ. हरलाल मीणा, प्राचार्य, शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय, सवाईमाधोपुर।