प्रतिदिन जिला अस्पताल का आउडोर औसतन एक हजार से 1200 के बीच चल रहा है। ऐसे में गंभीर बीमारियों से पीडि़त रोगी अस्पताल में भर्ती हो रहे है लेकिन उनको सुविधाएं नहीं मिल रही है। जिम्मेदार अधिकारी रोगियों व उनके परिजनों की पीड़ा नहीं सुन रहे है।
जिला अस्पताल में स्ट्रेचर कोई सुविधा नहीं है। पैर में चोट लगने से मां भगवतीदेवी को गोद में ही उठा कर लाया हूं। यहां स्टे्रचर की सुविधा मिलनी चाहिए।
चरतलाल मीना, आदलवाड़ा
एक घंटे से स्ट्रेचर पर लेटा हूं। पैर में फ्रैक्चर हो गया था। समय पर डॉक्टर जांच नहीं कर रहे है। इससे परेशानी हो रही है। स्ट्रेचर पर छोड़कर ही चले गए।
रामखिलाड़ी मीना, रोगी आदलवाड़ा
आधे घंटे से स्टे्रचर पर लेटी हूं। पांव में दर्द हो रहा है। चिकित्सक समय पर देखभाल नहीं कर रहे है। यहां दर्द की दवाईयों से कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
कस्तुरी लुहार, रोगी, हलौंदा