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आदेशों की अवहेलना, नहीं बदले पोषाहार प्रभारी

locationसवाई माधोपुरPublished: Feb 04, 2019 04:26:18 pm

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Subhash

आदेशों की अवहेलना, नहीं बदले पोषाहार प्रभारी

जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय।

जिला कलक्ट्रेट में संचालित जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय।

सवाईमाधोपुर. जिले में भले ही शिक्षा अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दे रहे हैं, लेकिन लम्बे समय से सात सौ से अधिक स्कूलों में पोषाहार का जिम्मा एक ही कार्मिक के भरोसे चल रहा है, जबकि आयुक्त मिड डे मील जयपुर ने प्रतिवर्ष प्रभारी बदलने एवं एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए एक ही कार्मिक को मिड डे मील का प्रभारी नहीं बनाने के आदेश दिए थे। ऐसे में शिक्षा अधिकारी व संस्था प्रधान भी शिक्षा विभाग के आदेशों की पालना नहीं कर रहे है। यही वजह है कि स्कूलों में अब तक पोषाहार प्रभारी नहीं बदले है।

नहीं दिखा रहे रुचि
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में पोषाहार पकाए जाने वाले कुल 1032 स्कूल है। इनमें से 700 से अधिक स्कूलों प्राथमिक, उप्रावि व सैकण्डरी स्कूलों में अब तक पोषाहार प्रभारी नहीं बदले है। इधर, जिले में जिला शिक्षा अधिकारियों की अनदेखी से संस्था प्रधानों तक ऐसे कोई आदेश पहुंचे ही नहीं है। यही वजह है कि अब तक किसी संस्था प्रधान ने पोषाहार प्रभारी को बदलने में रुचि नहीं दिखाई है।

इसलिए किया गया था बदलाव : जानकारी के अनुसार लंबे समय से एक ही शिक्षक के पास जिम्मेदारी होने से वह इसे बोझ समझने लग गए थे। वहीं दूसरे शिक्षक मिड-डे मील का प्रभार लेने से मना करते रहते है। कई स्थानों पर संस्था प्रधानों के पास प्रभार होने से उन्हें प्रशासनिक कार्य करने में परेशानी आती है। इसी के चलते विभाग ने इसमें बदलाव किया है। इससे एक शिक्षक पर ही मिड-डे मील कार्य को संभालने का भार नहीं रहने के साथ ही गड़बडिय़ों को रोका जा सके।

यहां मिली थी अनियमितताएं
जानकारी के अनुसार समय-समय पर निरीक्षणों में पोषाहार में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए थे। जहां संस्था प्रधान और पोषाहार प्रभारी के आपसी तालमेल से पोषाहार में अनियमितताएं देखने को मिली है। इसका उदाहरण राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय लोरवाडा में देखने को मिला था। 16 सितम्बर 2016 को तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश मुदगल ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान विद्यालय पोषाहार प्रभारी, जिला शिक्षा अधिकारी को देखकर भाग गया था। इसके बाद संबंधित संस्था प्रधान को नोटिस भी दिया गया। वहीं पोषाहार प्रभारी छीतरलाल रैगर को एपीओ किया था। पिछले तीन साल से वहीं प्रधानाचार्य, वहीं पोषाहार प्रभारी कार्यरत है। अव्यवस्थाओं व अनियमितताओं के नोटिस मिल रहे है, पर जवाबदेही नहीं है।

ये दिए थे आदेश
आदेश के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील योजना के तहत परोसे जाने वाले पोषाहार का प्रभार अब एक ही शिक्षक के पास नहीं रहेगा। हर साल शिक्षण सत्र बदलने के साथ ही पोषाहार प्रभारी को भी बदला जाएगा। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारियों को पोषाहार प्रभारी बदलने के साथ ही संस्था प्रधानों को रिकॉर्ड रखने, प्रतिवर्ष प्रभारी रहे शिक्षकों का लेखा-जोखा रखने तथा कब-कब कौन से शिक्षक प्रभारी रहे, किस के पास मिड-डे मील का चार्ज रहेगा। लेकिन इन दिनों अधिकतर स्कूलों में मिड-डे मील प्रभारी तृतीय श्रेणी शिक्षक ही कार्यरत है।

ऐसे चला आदेशों का पता
मिड-डे मिल आयुक्त के आदेशों के जिले के अधिकतर संस्था प्रधानों व शिक्षकों को पता ही नहीं था। गत वर्ष दौसा डीईओ का आदेश पकड़ में आया तब पता चला कि ऐसे भी आदेश दिए गए थे, लेकिन इसके बाद भी जिला शिक्षा अधिकारियों ने इस आदेश को गंभीरता से नहीं लिया।
जिले में पोषाहार प्रभारी बदलने के लिए पूर्व में आदेश जारी किया था। कई स्कूल संस्था प्रधानों ने पोषाहार बदल दिए थे। जिन संस्था प्रधानों ने पोषाहार प्रभारी नहीं बदले है, उनको पाबंद किया जाएगा।
मंजूलता जैन, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, सवाईमाधोपुर
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