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अनिश्चितकालीन अवकाश पर पंचायतराज कार्मिक

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 13, 2018 11:37:28 am

Submitted by:

rakesh verma

www.patrika.com/rajasthan-news

पंचायतराज कार्मिक।

चौथ का बरवाड़ा पंचायत समिति में प्रदर्शन करते पंचायतराज कार्मिक।

चौथ का बरवाड़ा. राजस्थान पंचायतराज सेवा परिषद के बैनर तले बुधवार को पंचायतराज कार्मिकों ने दोपहर तक पंचायत समिति में प्रदर्शन किया। बाद में कार्यवाह एसडीएम नाथूलाल मीना को पंचायतराज विभाग मंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि तीनों घटक संगठनों (आरआरडीसी,पीईओ एंव बीडीओ) की मांगों पर तीन सालों में सरकार एव शासन द्वारा बार बार लिखित समझौते कर सहमति व्यक्त की गई, लेकिन क्रियांवित नहीं हुई है। ऐसे में जब तक मांगों पर कोई कार्र्यवाही नहीं होती तब तक पंचायतराज कार्मिक अनिश्चितकालीन अवकाश पर रहेंगे।

दी जानकारी
चौथ का बरवाड़ा. रजवाना तथा पांवाडेरा के अटल सेवा केन्द्र में बुधवार को स्वावलम्बन योजना के माध्यम से सरकार की योजनाओं की जानकारी देने लिए शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर योजना से लाभान्वित गनी मोहम्मद को ब्रांड एम्बेसेडर बनाया गया। इस दौरान ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी रामफूल मीना ने सरकार की योजनाओं से लाभाविन्त व वचिंत रहे लाभार्थियों को सम्बोधित करते हुए राजश्री ,पेंशनर, भामाशाह प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजनाओं की जानकारी दी। इसके साथ ही योजना से वंचित रहे लाभार्थियों की समस्याओं का समाधान भी किया गया। इस अवसर पर प्रोग्रामर विश्वरूप शर्मा, समाज कल्याण विभाग अधिकारी बिना कुमारी व प्रतिनिधि शैलेन्द्र कुमार, रजवाना सरपंच घनश्याम गुर्जर, सचिव श्याम सुन्दर गोस्वामी वार्ड पंच सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।

खाते से राशि काटना बैंक को भारी पड़ा
सवाईमाधोपुर. एक उपभोक्ता के खाते से राशि काटना बैंक प्रबंधन को भारी पड़ गया। इस पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद शर्मा ने बैंक को आदेश दिया कि परिवादी के खाते से डेबिट की गई राशि 2878.25 रुपए का परिवादी को भुगतान करें। परिवादी विपक्षी बीमा कंपनी से मानसिक संताप की क्षति स्वरुप 5 हजार रुपए तथा परिवाद व्यय स्वरुप दो हजार रुपए प्राप्त करने का अधिकारी है। उन्होंने दो माह में आदेशों की पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। एडवोकेट महेन्द्र वर्मा ने बताया कि परिवादी सुनिता शर्मा निवासी सलेमपुर करौली ने एक रिवाली स्थित बैंक के प्रबंधक के खिलाफ परिवाद दिया था। इसमें बताया गया था कि परिवादी का बैंक में बचत खाता है।
6 अगस्त 2015 को उसके खाते से 285 रुपए काट लिए। उसके बाद निरंतर राशि डेबिट की जाती रही। जब परिवादी के पति ने विपक्षी बैंक में जाकर राशि काटने के संबंध में आपत्ति की तो बैंक ने गलती स्वीकार कर 5 नवम्बर 2016 को 285 रुपए , 7 नवम्बर को 285, 399, 133 व 7 रुपए बचत खाते में रिवर्स जमा करा दिए। 9 नवम्बर को 402.50, 400.75, 393.75 रुपए वापस परिवादी के खाते में जमा करा दिए। विपक्षी बैंक द्वारा 9 नवम्बर 2016 को 2878.25 रुपए बिनाकिसी कारण काट लिए। जिसकी शिकायत गई, लेकिन विपक्षी बैंक ने काटी गई राशि परिवादी के खाते में जमा नहीं कराई। इसे विपक्षी का सेवा दोष बताते हुए परिवादी के बचत खाते से डेबिट राशि 2878.25 रुपए मानसिक संताप व परिवादी व्यय स्वरूप राशि दिलाने का अनुतोष चाहा।

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