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जोधपुर से चोरी बोलेरो की नागौर में जारी हो गई एनओसी

locationसवाई माधोपुरPublished: Feb 21, 2017 12:12:00 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

शहर में हो रही वाहन चोरी की वारदातों के पीछे पुलिस और परिवहन विभाग की भूमिका ही संदिग्ध नजर आ रही है। वाहनों का चोरी हो जाना और फिर उनका पुलिस को नहीं मिलना और कुछ समय बाद धीरे से चोरी के वाहन का एनओसी जारी हो जाना और जानकारी होने के बावजूद पुलिस का कार्रवाई नहीं करना मिलीभगत ही बयां करता है।

NOC of stolen vehicle issued by Nagaur DTO

NOC of stolen vehicle issued by Nagaur DTO

शहर में हो रही वाहन चोरी की वारदातों के पीछे पुलिस और परिवहन विभाग की भूमिका ही संदिग्ध नजर आ रही है। वाहनों का चोरी हो जाना और फिर उनका पुलिस को नहीं मिलना और कुछ समय बाद धीरे से चोरी के वाहन का एनओसी जारी हो जाना और जानकारी होने के बावजूद पुलिस का कार्रवाई नहीं करना मिलीभगत ही बयां करता है। 
रातानाडा थाने का ऐसा ही मामला एक्सपोज टीम के सामने आया है। थाने में दिसम्बर माह में जिस बोलेरो की चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई, उसकी एनओसी नागौर परिवहन विभाग ने जारी कर दी है। अब वाहन मालिक के यह बताने पर कि चोरी बोलेरों की एनओसी जारी हो गई है, पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय मामले में एनओसी लगा दी है।
पुलिस का उदासीन रवैया

बोलेरो आरजे-21, जीबी 7404 की चोरी 29 दिसम्बर को हुई। वाहन मालिक सुनील ने 29 दिसम्बर को ही पुलिस को चोरी की रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट में आनाकानी करते हुए इसे 30 दिसम्बर को दर्ज किया। 
सुनील ने बताया कि हाल ही उसने अपने वाहन की परिवहन विभाग में जानकारी की, तो पता चला कि नागौर जिला परिवहन कार्यालय ने उसके वाहन की एनओसी जारी कर दी है। वह एएसआई बिंजाराम से मिला, लेकिन पुलिस अधिकारी वाहन को ढूंढऩे की बजाय खुद की समस्या बताकर टालते आ रहे हैं।
ये वाहन मालिक भी पुलिस के रवैये से परेशान

चोरी वाहनों को लेकर पुलिस के रवैये से सिर्फ सुनील ही परेशान नहीं है, बल्कि ऐसे अन्य वाहन मालिक भी है। रातानाडा थाने में दर्ज मामलों में 2 दिसम्बर को कार नंबर आरजे 43, जीए 1453, 4 दिसम्बर को सीडी-डीएक्स आरजे 19, एफएस 6830, 10 दिसम्बर को स्पलेंडर आरजे 19, ईएस 4279 के मामले दर्ज हुए। वहीं नवंबर माह में भी एफआईआर नंबर 378, 404, 393, 399, 400 पर भी दो पहिया वाहनों और कार की चोरी का मामला दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने एक भी वाहन का पता नहीं लगाया। ये सभी वाहन मालिक भी पुलिस के रवैये से परेशान हैं।
एएसआई नहीं दे रहे जवाब

इस मामले को लेकर एएसआई बिंजाराम से जब संपर्क करने की कोशिश की, तो ये थाने में भी नहीं मिले। इस दौरान कई बार इनसे फोन द्वारा संपर्क करने की कोशिश की तो फोन भी नहीं उठाया। 
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