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बारिश के बाद बढ़े मौसमी बीमारियों के रोगी, मेडिकल व अन्य वार्डों में रोगियों की भरमार,आउटडोर डेढ़ हजार पार

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 17, 2019 07:21:24 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

बारिश के बाद बढ़े मौसमी बीमारियों के रोगी, मेडिकल व अन्य वार्डों में रोगियों की भरमार,आउटडोर डेढ़ हजार पार

बारिश के बाद बढ़े मौसमी बीमारियों के रोगी, मेडिकल व अन्य वार्डों में रोगियों की भरमार,आउटडोर डेढ़ हजार पार

sawai madhopur hospital

सवाईमाधोपुर. बदलते मौसम के मिजाज के चलते लोगों का जीवन मौसमी बीमारियों की जकड़ में आने लगा है। मानसून का दौर सुस्त पडऩे के बाद अब धूप व उमस आमजन पर भारी पड़ रही है। मानसून की लगभग विदाई के बाद मौसमी बीमारियों ने पैर पसारे हैं। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़े तक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। वहीं रोगियों की संख्या में इजाफा होने से चिकित्सालय में व्यवस्थाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

स्थानीय राजकीय चिकित्सालय में दैनिक औसत आउटडोर-इनडोर का आंकड़ा बढ़ गया है। स्थिति यह है कि आउटडोर समय के बाद भी चिकित्सालय में चिकित्सक कक्ष के बाहर रोगियों की कतार नजर आती है। चिकित्सालय के आउडडोर के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति यह है कि प्रतिदिन आउटडोर का आंकड़ा करीब डेढ़ हजार रोगियों को पार कर रहा है।

इन रोगों की चपेट में आ रहे लोग
सामान्य चिकित्सालय में इन दिनों विशेष रूप से उल्टी,दस्त व बुखार आदि के रोगी भर्ती हो रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश से जगह-जगह पानी भरा है। इससे मक्खी, मच्छर पनप रहे हैं। इसके चलते लोग बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में पर्ची लेने से लेकर परामर्श, जांच और दवा काउंटर तक हर ओर लम्बी कतार और भीड़ की स्थिति है।

वायरल बुखार का ज्यादा प्रकोप
जिले के सबसे बड़े राजकीय चिकित्सालय में मौसमी बीमारियों के चलते रोगियों की संख्या बढ़ी है। आउटडोर में दैनिक औसत रोगी पंजीयन का आंकड़ा डेढ़ हजार को पार कर रहा है। चिकित्सकों के कक्ष के बाहर सुबह आउटडोर शुरू होने से दोपहर बाद अंत तक रोगियों की कतार नहीं टूटती है। दोनों पारियों के बीच चार घंटे की इमरजेंसी पारी में रोगियों के भीड़ कम नहीं होती है। रोगियों में सबसे ज्यादा रोगी वायरल बुखार के हैं।
कतार में इंतजार दे रही पीड़ा
रोगियों की आवक बढऩे से राजकीय चिकित्सालय में रोगियों को उपचार से पहले दर्द झेलना पड़ रहा है। सुविधा और संसाधनों की तुलना में रोगी भार अधिक होने मरीजों को पर्ची लेने, चिकित्सक से परामर्श, फिर दवा काउंटर पर उपचार लेने में चार बार लम्बी कतार और इंतजार के दौर से गुजरना पड़ता है। ऐसे में सुबह नौ बजे चिकित्सालय पहुंचने पर रोगी एक से डेढ़ घंटे में इन प्रक्रिया को पूरा कर पाता है।

भीड़ में संक्रमण की रहती आशंका
चिकित्सकों के अनुसार रोगियों के भीड़ होने से रोगियों में एक दूसरे से संक्रमण होने की आशंका रहती है। कमोबेश यह स्थिति वार्ड में भी एक पलंग पर दो से तीन रोगियों को भर्ती करने पर रहती है।

ऐसे करें बचाव
सामान्य चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.तेजराम मीना ने बताया कि इन दिनों रोगियों की संख्या बढ़ी है। रोगों से बचाव के लिए लोगों को पूरे बांह के कपड़े पहनने चाहिए। साथ ही आस-पास गंदा पानी नहीं हो व कूलरों में भी साफ पानी भरा हो। पंखा चलाकर सोए, ताकि मच्छर नहीं काटे। मुंह हाथ लगाकर छीकें। साथ ही बुखार आने पर चिकित्सक से परामर्श लिया जाना चाहिए।

एक जनवरी से 16 सितम्बर तक रोगियों की संख्या
वर्ष रोग संख्या रोग संख्या
2018 बुखार 11 हजार 343 उल्टी दस्त 3 हजार 773
2019 बुखार 9 हजार 310 उल्टी दस्त 1167

तिथि आउटडोर इनडोर
13 सितम्बर 1757 167
14 सितम्बर 1671 180
15 सितम्बर 901 170
16 सितम्बर 2095 142
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