कार्यक्रम में 75 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले तहसील क्षेत्र के करीब एक दर्जन पेंशनरों एवं उपशाखा को सहयोग देने वाले करीब डेढ़ दर्जन भामाशाहों का साफा बांधकर सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व प्रधान मीना ने कहा कि आज के पेंशनर देश की शान हैं। इन लोगों ने उस समय विषम परिस्थितियों में पढ़ाई कर समाज की सेवा की है, जिस समय बिजली भी नहीं थी। चिमनी के उजाले में पढक़र सरकारी सेवा हासिल की।
सेवाकाल के दौरान भी आज की तरह वाहन सुविधा नहीं थी। वर्तमान पीढ़ी के कर्मचारियों को इनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। पेंशनर समाज के जिलाध्यक्ष हाकिम सिंह चौहान ने पेंशनरों की समस्याएं सुनकर उनके निराकरण का मार्ग सुझाया। उन्होंने पेंशनरों से अपने हक के लिए सचेत रहने तथा सरकार की कागज पूर्ति के लिए आवश्यक दस्तावेज समय पर जमा कराने को कहा।
उन्होंने कहा कि अब तक पूरे जिले में पेंशनरों की 4200 शिकायतें संगठन के माध्यम से अधिकारियों तक पहुंचाई गई, जिसमें से 86 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। उपकोषाधिकारी रामावतार मंगल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर पेंशनरों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। उपशाखा अध्यक्ष हरिप्रसाद मीना ने भी विचार व्यक्त किए। कोषाध्यक्ष जगदीश प्रसाद बड़ीला वाले ने आय व्यय का ब्यौरा पेश किया। इस दौरान समाजसेवी रामदयाल गोठडय़ा एवं गंगापुर तहसील उपशाखा अध्यक्ष रामसहाय शर्मा आदि मौजूद रहे।