रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग से लगातार मिट्टी की सेहत बिगड़ रही है। उपखंड की बात करें तो यहां भूमि से नाइट्रोजन, नत्रजन एवं फास्फोरस आदि की बेहद कमी दर्ज की जा रही है। इसके चलते भूमि अपनी उपजाऊ क्षमता धीरे-धीरे खो रही है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने सॉयल हैल्थ कार्ड में पायलट प्रोजेक्ट को मर्ज किया है। अब इसके जरिए प्रत्येक खसरे का नमूना लेकर सॉयल हैल्थ कार्ड बनेगा। इस कार्ड के जरिए भूमि के पोषक तत्वों को जानकर किसानों को बेहतर उपज और खेती करने के गुर विभाग बताए जाएंगे। गंगापुरसिटी एवं बामनवास उपखंड में इसके लिए दो गांवों का चयन कर लिया गया है।
प्रदर्शनी देगी जानकारी
पायलट प्रोजेक्ट के तहत कृषि विभाग की ओर से सूक्ष्म पोषक तत्वों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें किसानों को बेहतर उपज लेने के साथ मिट्टी को सेहतमंद बनाए रखने के तरीके बताए जाएंगे। साथ ही मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी नहीं आए। इसके लिए विशेष तरीके बताए जाएंगे। चयनित गांवों के किसानों को इसके तहत यह भी बताया जाएगा कि पोषक तत्वों से उत्पादन में कितनी कमी आ रही है और खेतों में क्या डाला जाए, जिससे उत्पादन बढ़ सके और मिट्टी की सेहत भी नहीं बिगड़े।
जैविक खेती बेहतर विकल्प
जानकारों का मानना है कि किसान अधिक उत्पादन की चाह में अंधाधुंध रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं। किसान अभी जैविक खेती को उत्पादन के लिहाज से घाटे का सौदा मान रहा है। वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पहले साल में मामूली गिरावट आ सकती है, लेकिन दूसरे वर्ष में पर्याप्त कम्पोस्ट और जैविक खाद डालने से इसकी भरपाई हो जाएगी। इससे भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी और उत्पादन पर ज्यादा असर नहीं होगा। विभाग का कहना है कि देशी खेती के बहुतेरे फायदे हैं। लगातार रासायनिक खादों के उपयोग से जमीन की उपजाऊ क्षमता पर असर पड़ता है, जबकि जैविक खाद भूमि की उपजाऊ क्षमता को खत्म नहीं होने देते। जैविक खेती पर्यावरण के लिहाज से भी काफी मुफीद है। ऐसे में जैविक खेती मिट्टी की सेहत को बरकरार रखते हुए बेहतर उत्पादन का विकल्प हो सकती है।
जिले से इन गांवों का चयन
बाढ़ मोहनपुर – बामनवास
मानपुर – बौंली
देवपुरा – चौथ का बरवाड़ा
ताजपुर – गंगापुरसिटी
मुन्द्रा हेड़ी – खण्डार
सुरंग – सवाईमाधोपुर
इनका कहना है
सॉयल हैल्थ कार्ड योजना में अब पायलट प्रोजेक्ट के तहत मिट्टी के स्वास्थ्य की जांच होगी। इसमें गांवों का चयन कर लिया गया है। खसरे के हिसाब से नमूने लेने के बाद किसानों को प्रदर्शनी के माध्यम से सूक्ष्म पोषक तत्वों की जानकारी दी जाएगी। यह योजना मिट्टी की सेहत को बचाए रखने में कारगर सिद्ध होगी।
– गोपाल शर्मा, कृषि अधिकारी गंगापुरसिटी