लोगों का कहना है कि रीको में बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं। इकाईयों के स्थापित होने पर तो इन्होंने सभी मापदंड पूरे कर लिए, लेकिन साल-दर-साल गुजरने के बाद इन्हें देखने की कोई जहमत नहीं उठा रहा। लोगों का आरोप है कि एक बार एनओसी लेने के बाद उद्यमियों ने यहां उद्योग तो जमा लिए, लेकिन वह प्रदूषण रोकने के लिए कतई फिक्रमंद नजर नहीं आ रहे। यही कारण है कि रीको औद्योगिक क्षेत्र में कितना प्रदूषण हो रहा है। इससे वह अनजान बने हुए हैं। अधिकारियों की अनदेखी के चलते यहां फैक्ट्रियां मनमर्जी तरीके से संचालित हो रही हैं।
कनेक्शन काटने की है पॉवर
रीको औद्योगिक क्षेत्र में लगे उद्योग यदि प्रदूषण फैलाते हैं तो इसकी जांच पोल्यूशन कंट्रोल विभाग करता है। शिकायत मिलने पर इसकी जांच के लिए भरतपुर से अधिकारी यहां पहुंचते हैं। पहली मर्तबा उद्योगों को एनओसी भी वहीं से मिलती है। प्रदूषण के संबंध में यदि रीको के अधिकारियों को शिकायत मिलती है तो वह पोल्यूषण कंट्रोल विभाग को चिट्ठी लिखते हैं। शिकायत की पुष्टि होने पर पोल्यूशन कंट्रोल विभाग को पॉवर हैं कि वह उद्योग का हाथोंहाथ बिजली कनेक्शन कटवा सकता है।
इस मामले में रीको सवाई माधोपुर के आरएम महेश मीना का कहना है कि समय-समय पर इनकी जांच होती है। भरतपुर से अधिकारी प्रदूषण संबंधी जांच के लिए यहां आते हैं। हमें शिकायत मिलती है तो हम विभाग को इस संबंध में चिट्ठी लिखते हैं। यदि अब प्रदूषण ज्यादा है तो उसे दिखवाकर कार्रवाई कराई जाएगी।