वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रियंका मीणा 19 अप्रेल की रात करीब साढ़े आठ बजे भगवतगढ़ से पैंथर का रेस्क्यू करवाने के बाद सवाईमाधोपुर अपनी स्कूटी से जा रही थी। अन्य दिनों की अपेक्षा वह उस दिन अधिक देर से घर जा रही थी। तभी नाके से 8 किमी दूरी पर स्थित ग्राम नयागांव में रास्ते में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली अवैध रूप से पत्थर का खनन करके परिवहन करते हुए जंगल से निकलती दिखाई दी। प्रियंका ने स्कूटी से आगे आकर ट्रैक्टर को रुकवाने का प्रयास किया तो ट्रैक्टर चालक ने वनरक्षक को देखकर ट्रैक्टर को और तेज भगाया।
21 दिसबर 2023 को वनरक्षक की नौकरी में आई
श्यामपुरा गांव की रहने वाली प्रियंका ने बताया कि वह करीब चार माह पहले वनविभाग की सेवा में आई है। बचपन से ही उसे पेड़-पौधों से लगाव था। नौकरी ज्वॉइन करते समय उसने शपथ ली थी कि वह वनसंपदा की रक्षा करेगी और अपराधियों के खिलाफ खड़ी रहेगी, तो यही भाव उसके मन में आया और उसके पैर कर्तव्य का पालन करने से पीछे नहीं डिगे। यह भी पढ़ें :
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प्रियंका मीना ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक ने कई बार कट मारे तो वह उनसे बचने के लिए कच्चे रास्ते में उतर गई, लेकिन फिर संभलकर उसका पीछा करने लगी। इस दौरान एक बार तो उसे ऐसा लगा कि आज उसकी जान जा सकती है। लेकिन उसने हिमत नहीं हारी और स्कूटी से पीछा करते हुए ही अपने संबंधित रेंजर दीपक शर्मा को फोन कर घटना की जानकारी देते हुए उनसे मदद मांगी। अंत में ट्रैक्टर चालक महिला वनरक्षक की बहादुरी को देखते हुए डर कर ट्रैक्टर-ट्रॉली को मौके से छोडकऱ भाग गया। उसके बाद थोड़ी देर में वन विभाग का अन्य स्टॉफ मौके पर पहुंच गया। वन विभाग की टीम ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को नर्सरी भगवतगढ़ में ले जाकर खड़ा करवाया तथा राजस्थान वन अधिनियम 1953 की धारा 26, 41, 42 में सीज किया। उक्त कार्रवाई में दोनों नवीन वनरक्षक शेर सिंह मीणा, प्रियंका मीना के साथ अन्य स्टाफ ने अहम भूमिका निभाई।