नीरज के पवन पहुंचे गुर्जरों के बीच
इस बीच सरकार की पहल को गुर्जरों से अवगत करवाने के लिए आईएएस अफसर नीरज के पवन मलारना डूंगर स्थित रेलवे ट्रेक पर बने पड़ाव स्थल पर पहुंचे। पवन ने आरक्षण आंदोलन के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को गजट अधिसूचना, विधेयक एवं संकल्प पत्र की प्रतियां सौंपी। बैसला और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल से ट्रेक पर ही हुई बातचीत के बाद पवन वापस लौट गए।
इस बीच सरकार की पहल को गुर्जरों से अवगत करवाने के लिए आईएएस अफसर नीरज के पवन मलारना डूंगर स्थित रेलवे ट्रेक पर बने पड़ाव स्थल पर पहुंचे। पवन ने आरक्षण आंदोलन के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को गजट अधिसूचना, विधेयक एवं संकल्प पत्र की प्रतियां सौंपी। बैसला और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल से ट्रेक पर ही हुई बातचीत के बाद पवन वापस लौट गए।
सूत्रों के अनुसार बैंसला की ओर से आश्वस्त किया गया कि उन्होंने शाम 5 बजे तक रेलवे ट्रेक पर ही विधि सलाहकारों, आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के सदस्यों तथा समाज के सांसद, विधायक एवं पूर्व सांसद तथा विधायकों की बैठक बुलाई है।
इस बैठक में सरकार द्वारा आरक्षण के संबंध में उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी उसके बाद ही आंदोलन वापस लेने के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा। बैंसला ने तब तक समाज से शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया है।
… इधर ‘गुर्जर’ नेताओं का समाज के विधायकों को फरमान
विधानसभा में बुधवार को गुर्जर समुदाय को 5 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल पास कर दिया गया है, लेकिन गुर्जर नेता अब भी ट्रैक पर बैठे हैं। गुर्जर नेताओं ने सरकार में गुर्जर विधायक और मंत्रियों को नया फरमान जारी किया है। जिसके अनुसार वे बिल को पढ़ कर ट्रैक पर आकर बताएं कि बिल से समाज को पांच प्रतिशत आरक्षण मिलेगा या नहीं। पांच प्रतिशत आरक्षण के बिल पर राज्यपाल कल्याण सिंह के हस्ताक्षर होने के बाद भी सुबह ट्रैक पर प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं।
विधानसभा में बुधवार को गुर्जर समुदाय को 5 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल पास कर दिया गया है, लेकिन गुर्जर नेता अब भी ट्रैक पर बैठे हैं। गुर्जर नेताओं ने सरकार में गुर्जर विधायक और मंत्रियों को नया फरमान जारी किया है। जिसके अनुसार वे बिल को पढ़ कर ट्रैक पर आकर बताएं कि बिल से समाज को पांच प्रतिशत आरक्षण मिलेगा या नहीं। पांच प्रतिशत आरक्षण के बिल पर राज्यपाल कल्याण सिंह के हस्ताक्षर होने के बाद भी सुबह ट्रैक पर प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं।
उधर, राज्य सरकार ने स्पष्ठ कर दिया है कि गुर्जर समाज को पांच प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल पास कर गुर्जरों की मांग मान ली है। अब गेंद गुर्जर नेताओं के पाले में है। ट्रैक खुलवाने के सभी विकल्पों पर तेजी से मंथन किया जा रहा है।
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार पूरी तरह से सकारात्मक रवैया अपना रही है। गुर्जरों की मांग पूरी कर दी गई है। अब उनको जल्द से जल्द ट्रैक खाली करना चाहिए।
सिकंदरा टोल प्लाजा को रोजाना 20 लाख का नुकसान
गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते रेलवे और रोडवेज को भारी नुकसान हो रहा है। जहां-जहां गुर्जर आरक्षण के चलते जाम लगे हुए हैं वहां पडऩे वाले टोल प्लाजा को भी काफी नुकसान हो रहा है। इसी के चलते सिकंदरा में गुर्जरों ने हाईवे 21 को पूर्णता जाम कर दिया है जिससे आवागमन बिल्कुल बाधित हो गया है।
गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते रेलवे और रोडवेज को भारी नुकसान हो रहा है। जहां-जहां गुर्जर आरक्षण के चलते जाम लगे हुए हैं वहां पडऩे वाले टोल प्लाजा को भी काफी नुकसान हो रहा है। इसी के चलते सिकंदरा में गुर्जरों ने हाईवे 21 को पूर्णता जाम कर दिया है जिससे आवागमन बिल्कुल बाधित हो गया है।
सिकंदरा टोल प्लाजा पर करीब रोजाना 18 से 20 लाख का नुकसान झेलना पड़ रहा है। हालांकि आरक्षण के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। साथ ही रोजमर्रा के कार्य एवं दैनिक उपयोग वस्तुएं दूध, सब्जी आदि की आपूर्ति नहीं होने से परेशानी खड़ी हो गई है।
सिकंदर टोल प्लाजा के मैनेजर अनिल कुमार ने बताया कि सिकंदर टोल प्लाजा से करीब रोज 18 से 20 लाख का टोल वसूला जाता है लेकिन 11 फरवरी से गुर्जरों के हाईवे 21 को जाम कर देने से आवागमन बिल्कुल बंद हो गया है जिसके चलते सिकंदर टोल प्लाजा को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है जो कि करीब रोजाना 20 लाख के करीब रुपए का नुकसान हो रहा है जिसकी भरपाई कहीं से भी नहीं होगी। यानी यूं कहा जाए कि टोल प्लाजा को शुद्ध 18 से 20 लाख का रोज का नुकसान भुगतना पड़ रहा है। पूर्व में भी गुर्जर आंदोलन के कारण टोल प्लाजा करोड़ों रुपए का नुकसान झेल चुकी है।