VIDEO रणथम्भौर: होटलो में नहीं कचरा निस्तारण के इंतजाम
सवाई माधोपुरPublished: Jun 20, 2019 11:13:27 am
वन क्षेत्र के नजदीक डाल रहे कचरा वन्य जीव अधिनियम की हो रही अवेहलना
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में जहां एक ओर वन विभाग व सामाजिक संगठनों की ओर से समय- समय पर वन क्षेत्र मेें सफाई की जाती है। वहीं दूसरी ओर रणथम्भौर बाघ परियोजना के आसपास के क्षेत्रों में संचालित होटलो के पास कचरा निस्तारण की सुविधा नहीं है। ऐसे में होटल संचालक वन क्षेत्र के आसपास ही कचरा डाल रहे है। इससे वन्यजीवों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
रणथम्भौर में 250 से अधिक होटल
पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रणथम्भौर में वर्तमान में 250 से अधिक होटलो का संचालन किया जा रहा है। इनमेंं से अधिकतर होटलो के पास कचरा निस्तारण की सुविधा नहीं है ऐसे में होटल संचालक कचरे को वन क्षेत्र के आसपास के क्षेत्र में ही निस्तारित कर रहे हैं।
मैरिज गार्डनो मेंं भी नहीं इंतजाम
रणथम्भौर रोड पर वर्तमान में करीब छह से अधिक मैरिज गार्डन का संचालन भी किया जा रहा है। जहां शादी व अन्य समारोह का आयोजन किया जाता है। लेकिन अधिकतर मैरिज ्रगार्डन संचालकों पर भी कचरा निस्तारण के इंतजाम नहीं है।
बॉयोवेस्ट प्लांट होना अनिवार्य
नियमानुसार मैरिज गार्डन व होटलो के संवालन के लिए संचालकों के पास कचरे के निस्तारण के लिए बॉयोवेस्ट प्लांट का होना अनिवार्य होता है। पूर्व में नगर परिषद की ओर से भी मैरिज गार्डन संचालकों को बॉयोवेस्ट मशीन खरीदने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन अभी तक चुनिंदा मैरिज गार्डन संचालकों के ही मशीन खरीदी है। ऐसे में कचरे का उचित निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
कलक्टर को लिखा पत्र
इस संबंध में वन विभाग की ओर से मंगलवार को जिला कलक्टर को पत्र भी लिखा गया गया है। पत्र में रणथम्भौर में संचालित होटलो का सर्वे कराकर उनमे कचरा निस्तारण के प्रबंधों की जांच कराने की मांग की गई है।
सीसीएफ के नाम सौंपा ज्ञापन
इस संबंध मेंं बाघ संरक्षण एवं गा्रमीण विकास समिति के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को रणथम्भौर बाघ परियोजना के सीसीएफ को ज्ञापन सौंपकर रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र को पॉलिथीन मुफ्त करने व कचरा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
इनका कहना है….
रणथम्भौर में संचालित होटलो का जल्द ही सर्वे कराकर कचरा निस्तारण के इंतजामो की जांच की जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवई की जाएगी।
– मधुसूदन सिंह चारण, सहायक निदेशक, पर्यटन, सवाईमाधोपुर।