scriptरणथम्भौर की लाइटनिंग से रोशन हो सकता है मुकंदरा, बाघों को लेकर मुकुंदरा में खतरा बरकरार… | Ranthambores Lightning may be illuminated by the light with the tig | Patrika News

रणथम्भौर की लाइटनिंग से रोशन हो सकता है मुकंदरा, बाघों को लेकर मुकुंदरा में खतरा बरकरार…

locationसवाई माधोपुरPublished: Nov 16, 2017 12:01:23 pm

Submitted by:

Abhishek ojha

सवाईमाधोपुर . रणथम्भौर के बाघों से कोटा के मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान को आबाद करने की तैयारी अब परवान पर है।

sawaimadhopur

रणथम्भौर के बाघ

सवाईमाधोपुर . रणथम्भौर के बाघों से कोटा के मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान को आबाद करने की तैयारी अब परवान पर है। संभव है कि रणथम्भौर की लाइटनिंग बाघिन कोटा के मुकुंदरा हिल्स में अपनी चमक बिखेर दे। इसको लेकर लाइटनिंग की मॉनिटरिंग की जा रही है। कोटा में ही नहीं सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर में भी इसको लेकर तैयारी की जा रही है। यहां से एक नर व दो मादा बाघों को मुकुंदरा भेजने के लिए कवायद अंतिम रूप में है। इसके लिए वनाधिकारियों ने कुछ बाघों को चिह्नित किया है, उनकी लगातार ट्रेकिंग की जा रही है। जिनकी ट्रेकिंग कर सर्वाधिक उपयुक्त बाघ व बाघिनों को कोटा भेज दिया जाएगा। यह प्रक्रि या दिसम्बर के अंतिम सप्ताह
में होगी।


इनको किया चिह्नित
वनाधिकारियों ने बताया कि यहां से मुकुंदरा भेजने के लिए फिलहाल आठ बाघ-बाघिनों को चिह्नित किया है। इसमें मेल टाइगर टी 62, 75, 77, 91, 85, तथा फीमेल टाइगर 78, 81, 83 है। इनमें से दो फीमेल एवं एक मेल टाइगर को भेजा जा सकता है।

क्षेत्र की तलाश में घूम रहे यह बाघ
विभाग के अनुसार चिह्नित किए हुए बाघ वह है जो रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र की सीमा के आसपास विचरण कर रहे हैं। बाघिन टी-83 लाइटनिंग वर्तमान आरओपीटी व कुण्डेरा रेंज के खवा, खांडोज, श्यामपुरा, अमरेश्वर आदि बाहरी क्षेत्रों में घूम रही है। कई बार यह सड़क व आबादी क्षेत्र में भी आ चुकी हैै। इसके अलावा मेल टाइगर टी-62 फलौदी रेंज एवं तलवास रेंज मेंं आवाजाही है।

टी-62 रह चुका है रामगढ़
टी-62 बाघ रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की टी-8 का शावक है। यह बाघ वर्ष 2014 में रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में आया था। जहां एक साल तक रुका था। इसके बाद इसका आवागमन तलवास रेंज व रणथम्भौर के फलौदी क्वारी तक बना हुआ है।

सबसे बड़ा खतरा रेलवे लाइन
मुकुंदरा में सबसे बड़ा खतरा यहां से निकल रही रेलवे लाइन से है। जहां करीब एक दशक पहले बाघ ब्रोकन टेल राजधानी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुका है। इसके अलावा कई अन्य वन्यजीवों की भी ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। विभाग के अनुसार रेलवे लाइन से बाघों को सुरक्षित करने के लिए कोई प्रोजेक्ट नहीं है। मुकुंदरा हिल्स के सहायक वन संरक्षक जोधराज सिंह का कहना है कि विभाग अपने बजट से खतरे वाले स्थानों पर सुरक्षा दीवार बनवा रहा है, लेकिन यह नाकाफी महसूस हो रहा है। बाघों को एनक्लोजर में रखने के लिए भोर्रा बाग व दर्रा में जगह चिह्नित की है।


गांवों की समस्या अब भी बरकरार
जानकारी के अनुसार मुकुंदरा हिल्स में अब भी गांवों यथास्थिति में है। इन गांवों को शिफ्ट करने के लिए भी विभाग के पास कोई योजना नहीं है। ऐसे में बाघों को वहां छोड़ा जाता है तो बाघों के लिए तो खतरा होगा ही साथ ही वहां रहने वाले लोगों को भी खतरा बना रहेगा।


कहीं हो न जाए बाघों को खतरा
सूत्रों के अनुसार बाघों को शिफ्ट करने की तैयारी आनन-फानन में तो की जा रही है, लेकिन इसके चलते बाघों को भी खतरा हो रहा है। वन्यजीव प्रेमी तपेश्वर सिंह भाटी के अनुसार मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान में बाघों को शिफ्ट करने को लेकर कोई तैयारी नहीं की गई है। यहां प्री-बेस तक
तैयार नहीं किया गया है। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी कोई तैयारी नहीं है।


सांभर-चीतल भी कम
मुकुंदरा हिल्स में वर्तमान में सांभर-चीतल काफी कम संख्या में है। जो है वह भी चिडिय़ाघर में अधिकता के बाद छोड़े गए है। ऐसे में यहां बाघों को खाने के लिए भी कमी रहेगी। इससे वह भोजन की तलाश में गांवों व आस-पास की आबादी क्षेत्र में विचरण करेगा। इसको लेकर भी खतरा बना हुआ है।


मुकुंदरा में करेंगे प्रशिक्षित
बाघों को शिफ्ट करने की तैयारी के रूप में मुकुंदरा हिल्स के वनकर्मियों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए रणथम्भौर बाघ परियोजना के नोडल अधिकारी दौलत सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सिंह कई दिनों से कोटा में रहकर इसकी तैयारी कर रहे हैं।


इनका कहना है…
रणथम्भौर से मुकुंदरा हिल्स में बाघों को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। दिसम्बर अंत तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। फिलहाल आठ बाघों को चिह्नित किया है। जिनमें से एक नर व दो मादा को वहां भेजा जाएगा।
वाईके साहू, मुख्य वन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो