विशेष न्यायालय लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम के न्यायाधीश बाल कृष्ण मिश्र ने ये फैसला अभियुक्त संतोर्ष उर्फ संतराम मीणा (25) निवासी रामगढ़ मुराड़ा सदर थाना गंगापुर सिटी के विरुद्ध सुनाया। जिले में पॉक्सो कोर्ट का ये पहला फैसला है। फैसले में कोर्ट ने धारा 376(2) भादसं में आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
धारा 366 भादसं में दोषसिद्ध होने पर सात वर्ष के कठोर कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। वहीं अभियुक्त द्वारा जमाशुदा कुल 15 हजार जुर्माना बतौर प्रतिकर के रूप में पीडि़ता को देगा। गौरतलब है कि जिले में 8 अगस्त को ही पॉक्सो कोर्ट नवसृजित की गई है।
क्या था मामला
16 वर्षीय पीडि़ता के पिता ने गंगापुरसिटी सदर थाने में एक तहरीर पेश की थी। इसमें बताया कि 1 फरवरी 2015 को तडक़े करीब चार बजे उसके घर पर उसकी बेटी को अकेली पाकर अभियुक्त संतोष उर्फ संतराम मीणा अपहरण कर ले गया। घटना के वक्त परिजन खेत पर थे। पुलिस ने संतोष के खिलाफ अपहरण कर ले जाने, धमकाने एवं दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। फिर कोर्ट में 7 मई 2015 को चालान पेश किया।
16 वर्षीय पीडि़ता के पिता ने गंगापुरसिटी सदर थाने में एक तहरीर पेश की थी। इसमें बताया कि 1 फरवरी 2015 को तडक़े करीब चार बजे उसके घर पर उसकी बेटी को अकेली पाकर अभियुक्त संतोष उर्फ संतराम मीणा अपहरण कर ले गया। घटना के वक्त परिजन खेत पर थे। पुलिस ने संतोष के खिलाफ अपहरण कर ले जाने, धमकाने एवं दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। फिर कोर्ट में 7 मई 2015 को चालान पेश किया।