रणथम्भौर में बनेगा रोप वे, जाम से मिलेगी मुक्ति
वन विभाग ने शुरू की कवायद
सवाई माधोपुर
Published: January 21, 2022 01:38:19 pm
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर पर दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। श्रद्धालुओं को जल्द ही त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग में लगने वाले जाम से मुक्ति मिल जाएगी। इसके लिए वन विभाग की ओर से गणेश धाम से रणथम्भौर दुर्ग तक रोप वे विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि यह योजना फिलहाल प्राथमिक स्तर पर है। लेकिन योजना के जल्द ही परवान चढऩे की उम्मीद जताई जा रही है।
निजी कंपनी की ओर से लगाया जाएगा रोप वे
जानकारी के अनुसार गणेश धाम से रणथम्भौर दुर्ग तक एक निजी कंपनी की ओर से रोप वे विकसित किया जाएगा। दरअस्ल गत दिनों इस संबंध में वन विभाग के पाास एक निजी कंपनी का पत्र आया था। इसमें निजी कंपनी की ओर से रणथम्भौर में रोप वे विकसित करने की इच्छा जताई गई थी।
जिला कलक्टर की निगरानी में होगा सर्वे
वनाधिकारियों ने बताया कि विभाग की ओर से रणथम्भौर में रोप वे लगाने से पूर्व इस संबंध में जिला कलक्टर की निगरानी में गठित कमेटी के माध्यम से सर्वे कराने की मांग की है। विभाग का कहना है कि सर्वे के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि रोप वे की कुल लम्बाई कितनी होगी और इसके लिए कितना तार व पिलर लगाने होंगे। साथ ही कितने वन क्षेत्र में यह कार्य होगा।
सर्वे के बाद वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजा जाएगा प्रपोजल
जानकारी के अनुसार सर्वे का काम पूरा होने के बाद सर्वे के आधार पर ही वन विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार करके वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजा जाएगा। वाइल्ड लाइफ बोर्ड की ओर से अनुमति मिलने के बाद ही वन विभाग की ओर से रणथम्भौर में रोप वे विकसित करने की अनुमति दी जाएगी। अनुमति मिलने के बाद निजी कंपनी की ओर से ही रोप वे लगाने का कार्य किया जाएगा।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा...
राजस्थान पत्रिका ने 2 जनवरी के अंक में ‘रणथम्भौर में जोर पकडऩे लगी रोप वे की मांग’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर लगने वाले जाम की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद हरकत में आए वन विभाग ने अब यह कवायद शुरू की है।
यह होंगे लाभ
- बार- बार लगने वाले जाम से निजात मिलेगी।
- बुजुर्ग श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।
- पर्यटन में इजाफा होगा।
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
यह होगा सर्वे में...
कितना किमी लम्बा होगा रोप वे।
कितना वन क्षेत्र आएगा रोप वे की जद में
रोप वे लगाने के लिए कितने फिलर लगाने होंगे।
कितने पेड़ों को काटना होगा।
रोप वे की ऊंचाई कितनी होगी।
इनका कहना है...
गत दिनों एक निजी कंपनी ने रणथम्भौर में पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए रोप वे विकसित करने की इच्छा जताई थी। इस संबंध में हमने जिला कलक्टर से एक कमेटली गठित कर पहले सर्वे कराने की मांग की है। सर्वे के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
- महेन्द्र शर्मा, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।

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