अब मेरा और परिवार का यहां रहना मुश्किल है। मध्यप्रदेश से 2014 में पिता रोजगार की तलाश में यहां आए थे। इस घटनाक्रम ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा। अब परिवार को दूसरी जगह ही जाना ठीक होगा। लेकिन सभी आरोपियों को जेल पहुंचाने के बाद।
सवाई माधोपुरPublished: Oct 08, 2020 03:14:39 pm
Kamlesh Sharma
मैं कक्षा आठ में पढ़ती थी। रोज स्कूल जाती थी। मेरा सपना कुछ और ही था। गरीबी के चलते आगे पढ़ भी ना पाऊंतो सिलाई सीखकर पैरों पर खड़े हो जाऊं। न जाने कहां से मरेी जिदंगी में पूजा उर्फ पूनम नाम की महिला आई और फिर दलदल में धकेल दिया।
मैं कक्षा आठ में पढ़ती थी। रोज स्कूल जाती थी। मेरा सपना कुछ और ही था। गरीबी के चलते आगे पढ़ भी ना पाऊंतो सिलाई सीखकर पैरों पर खड़े हो जाऊं। न जाने कहां से मरेी जिदंगी में पूजा उर्फ पूनम नाम की महिला आई और फिर दलदल में धकेल दिया।