scriptविशिष्ट श्रेणी की मंडी में कार्मिकों का टोटा | short staffing | Patrika News

विशिष्ट श्रेणी की मंडी में कार्मिकों का टोटा

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 08, 2018 05:20:58 pm

Submitted by:

Rajeev

गंगापुरसिटी. हर साल कृषि जिंस कारोबार से करोड़ों रुपए का राजस्व अर्जन करने वाली कृषि उपज मंडी को विशिष्ट श्रेणी का दर्जा तो मिल गया, लेकिन मंडी समिति कार्मिकों का टोटा भोग रही है। अच्छी आय के बाद भी सरकार की ओर से मंडी समिति कार्यालय में स्वीकृत पदों के अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके चलते कार्यालय का कामकाज और व्यवस्थाएं प्रभावित रहती है। मंत्री सूत्रों के अनुसार लम्बे समय से पद रिक्त है। इसके चलते कार्यरत कर्मचारियों पर कार्य का बोझ है। एक कार्मिक को कई शाखाओं का कार्य देखना पड़ रहा है।

gangapurcity news

विशिष्ट श्रेणी की मंडी में कार्मिकों का टोटा

गंगापुरसिटी. हर साल कृषि जिंस कारोबार से करोड़ों रुपए का राजस्व अर्जन करने वाली कृषि उपज मंडी को विशिष्ट श्रेणी का दर्जा तो मिल गया, लेकिन मंडी समिति कार्मिकों का टोटा भोग रही है। अच्छी आय के बाद भी सरकार की ओर से मंडी समिति कार्यालय में स्वीकृत पदों के अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके चलते कार्यालय का कामकाज और व्यवस्थाएं प्रभावित रहती है। मंत्री सूत्रों के अनुसार लम्बे समय से पद रिक्त है। इसके चलते कार्यरत कर्मचारियों पर कार्य का बोझ है। एक कार्मिक को कई शाखाओं का कार्य देखना पड़ रहा है।

रिक्त पदों की बानगी


मंडी समिति कार्यालय में वर्तमान में दो दर्जन से अधिक पद रिक्त है। पर्यवेक्षक के दो पद स्वीकृत है, लेकिन एक भी कार्यरत नहीं है। वरिष्ठ लिपिक के दो पद स्वीकृत होने के बाद भी एक भी नियुक्त नहीं है। कनिष्ठ लिपिक के मामले में तो स्थिति और भी खराब है। कनिष्ठ लिपिक के १५ पद स्वीकृत है, इसकी तुलना में मात्र ५ ही कनिष्ठ लिपिक कार्यरत है। १० पद काफी समय से रिक्त चल रहे हैं। वाहन चालक के सेवानिवृत होने के बाद से यह पद भी खाली है। जमादार के एक पद व सहायक कर्मचारी का एक पद रिक्त है। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण चौकीदार के ७ में से ६ पद खाली है। सफाईकर्मी के भी ८ में से ५ पद रिक्त है।

संविदाकर्मियों के भरोसे


कार्मिकों की कमी के चलते मंडी समिति कार्यालय का कामकाज संविदाकर्मियों के भरोसे है। वर्तमान में ४ संविदाकर्मी लगाए हुए है। संविदाकर्मी विभिन्न कार्यों को सम्पादित कर रहे हैं।


यहां से जिंसों की आवक

मंडी में स्थानीय गांवों के अलावा दूसरे जिलों की तहसीलों से भी कृषि जिंस की आवक होती है। नादौती, सपोटरा, बामनवास, बाटोदा, बरनाला, कुडग़ांव, सलेमपुर, गण्डाल, मेडी, खंडीप, पीलोदा, तलावड़ा आदि गांवों से किसान उपज बेचने के लिए मंडी में लेकर आते हैं।

ई-नाम की सुविधा


मंडी में कृषि जिंसों की ऑनलाइन नीलामी ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) की सुविधा है। इसके तहत व्यापारी ऑनलाइन कृषि जिंस की गुणवत्ता की रिपोर्ट देख कर नीलामी में भाव लगा सकते हैं। किसान के जिंस बेचने पर सहमत होने की स्थिति में राशि सीधे किसान के खाते में जमा हो जाती है।
कृषि उपज मंडी के सचिव एस.एस. गुप्ता का कहना है कि मंडी समिति में पद रिक्त होने से कार्मिकों की कमी है। इससे कामकाज पर असर पड़ता है। इस सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों को नियमित रूप से अवगत कराया जाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो